निगम की 1500 में से करीब 500 बीट खाली, कैसे होगी शहर में सफाई
नगर निगम की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता 2021 में चौथी बार बाजी मारने के लिए जोर लगाया जा रहा है।
सुभाष चंद्र, बठिडा
नगर निगम की ओर से स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता 2021 में चौथी बार बाजी मारने के लिए जोर लगाया जा रहा है। परंतु सफाई कर्मचारियों की कमी इस प्रतियोगिता पर भारी न पड़ जाए। शहर के बड़ी संख्या में मोहल्लों की गलियों में पिछले कई माह से पर्याप्त सफाई नहीं हो पा रही है। केवल मुख्य सड़कों पर सफाई पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में यह अव्यवस्था कहीं केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम की तरफ से स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए लोगों से ली जानी वाली फीडबैक में निगम को मुश्किल में न डाल दे। फीडबैक में केंद्रीय टीम की ओर से यह सीधा सवाल पूछा जाना है कि क्या उनकी गली में नियमित रूप में सफाई हो रही है। इस दौरान अधिकतर लोगों का संभवत यही जवाब होगा कि नहीं हो रही है। क्योंकि ऐसा वास्तव में है। लोगों की इस फीडबैक से निगम को बड़ा धक्का लग सकता है। स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता में सफाई संबंधी फीडबैक के 600 अंक हैं। शहर में नगर निगम की ओर से लगभग 1500 से अधिक सफाई बीट बनाई हुई है। लेकिन सफाई कर्मचारियों की बड़ी कमी के कारण करीब 500 बीट खाली पड़ी हैं। इन बीटों पर जैसे तैसे काम चलाया जा रहा है। सफाई कर्मियों की कमी को दूर करने के लिए न तो निगम का कोई जोर चल रहा है और न ही निकाय विभाग की ओर से कोई मंजूरी दी जा रही है। आउटसोर्स पर सफाई कर्मियों को रखने के प्रस्ताव भी मात्र प्रस्ताव बने ही रह जाते हैं।
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885 मंजूर पदों में 185 पद खाली
नगर निगम के पास सफाई कर्मचारियों के 885 पद मंजूर हैं। इसमें 573 पद भरे हुए। इसके अलावा 127 कर्मचारियों के कोर्ट केस चल रहे हैं। कुल मिलाकर 700 पदों पर कर्मचारी इस समय काम कर रहे हैं। 185 पद खाली पड़े हुए हैं। एक कर्मचारी को एक किलोमीटर का एरिया सफाई के लिए दिया जाता है जोकि 6 मीटर चौड़ाई वाला होता है। मई 2020 से लेकर अब तक 35 कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। 26 सफाई कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। मृतक कर्मचारियों में से अभी तक उनके चार वारिसों को ही नौकरी मिली है। 21 पदों के लिए अभी किसी को नौकरी नहीं दी गई है। लोगों की ओर से भी यह शिकायतें मिल रही हैं कि सफाई नहीं हो रही है।
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सफाई कर्मियों की कमी के कारण आ रहीं मुश्किलें
द म्यूनिसिपल सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान वीरभान का कहना है कि सफाई कर्मचारियों की कमी के कारण बड़ी मुश्किलों के सामना करना पड़ रहा। अनेक मोहल्लों की बीटें खाली पड़ी हुई हैं। एक सफाई कर्मचारी को दो लोगों का काम करना पड़ रहा। यूनियन की ओर से कई बार निगम कमिश्नर से मुलाकात करके सफाई कर्मचारियों की भर्ती करने और मृतक कर्मियों के वारिसों को नौकरी देने की मांग की जा चुकी है। निगम ने पहले 1991 में 100 और फिर 1995 में 60 लोगों की भर्ती की थी जिन्हें 2011 में पक्का किया गया था। इसके बाद 2018 में आउटसोर्सिंग पर 70 भर्ती सफाई कर्मियों की भर्ती की थी। जिनकी समय अवधि पूरी होने पर हटा दिया गया।
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100 कर्मियों की भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा: कमिश्नर
नगर निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने कहा कि भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि कर्मचारियों की कमी के कारण सफाई व्यवस्था में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 100 कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए स्थानीय निकाय विभाग के पास प्रस्ताव भेजा हुआ है।