प्रापर्टी टैक्स न भरने वाले दुकानदारों के खिलाफ फील्ड में उतरी निगम की टीम
लंबे समय से प्रापर्टी टैक्स न भरने वाले दुकानदारों के खिलाफ नगर निगम ने सख्ती शुरू कर दी है।
जासं, बठिंडा: लंबे समय से प्रापर्टी टैक्स न भरने वाले दुकानदारों के खिलाफ नगर निगम ने सख्ती शुरू कर दी है। वीरवार को निगम कमिश्नर डा. पल्लवी के आदेश पर प्रापर्टी टैक्स ब्रांच फील्ड में उतरी और टैक्स न भरने वाले दुकानदारों की दुकानें सील करने की कार्रवाई शुरू की। इन दुकानदारों को एक सप्ताह पहले म्यूनिसिपल एक्ट की धारा 138 के तहत सीलिग का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन नोटिस के बाद उन्होंने अपना बकाया टैक्स नहीं भरा था। हालांकि, वीरवार को जब निगम की टीम दुकानें सील करने पहुंची तो सभी लोगों ने मौके पर ही अपनी बकाया राशि का चेक देकर दुकानों को सील होने से बचा लिया। इस तरह निगम ने वीरवार को करीब तीन लाख रुपये की रिकवरी की। साथ ही चेतावनी दी कि जिन लोगों ने अब तक प्रापर्टी टैक्स नहीं भरा है, आने वाले दिनों में उनके खिलाफ अभियान तेज किया जाएगा।
वीरवार सुबह निगम सचिव अमरजीत सिंह गिल, प्रापर्टी टैक्स ब्रांच सुपरिंटेंडेंट रवि लूना, प्रगट सिंह, प्रदीप सिंह के अलावा इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार की अगुआई में एक टीम प्रापर्टी टैक्स न भरने वाले लोगों की दुकानों को सील करने के लिए पहुंची। सबसे पहले निगम की टीम नामदेव रोड पर स्थित एक शोरूम पर पहुंची, जिसका करीब एक लाख रुपये प्रापर्टी बकाया था। जब टीम उनके शोरूम को सील करने की कार्रवाई करने लगी, तो शोरूम संचालक ने मौके पर ही बकाया पूरे टैक्स का चेक निगम अधिकारियों को थमा दिया। इसी तरह मानसा रोड पर स्थित एक वर्कशाप का करीब 74 हजार रुपये, हाजीरत्नन चौक स्थित एक रेस्टारेंट का 35 हजार रुपये और सब्जी मंडी स्थित एक दुकान का 95 हजार रुपये प्रापर्टी टैक्स बकाया था। सभी ने सीलिग की कार्रवाई से बचने के लिए पूरी रकम के बनते चेक निगम अधिकारियों को दे दिए।
ब्रांच के सुपरिटेंडेंट रवि लून ने बताया कि फिलहाल 11 दुकानदारों को म्यूनिसिपल एक्ट की धारा 138 के तहत सीलिग के नोटिस जारी किए गए थे, जिनमें सात दुकानदारों ने नोटिस मिलने के अगले ही दिन निगम दफ्तर पहुंचकर अपना बनता बकाया टैक्स जमा करवा दिया था, लेकिन यह चार दुकानदार रहते थे। इसलिए वीरवार को इनकी दुकानों को सील करने की कार्रवाई करने पहुंचे तो इन्होंने भी मौके पर ही बनता टैक्स भर दिया। यह टैक्स पिछले दो साल का बकाया था। टैक्स न भरने वाले अन्य दुकानदारों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।