कोरोना ने बदला सरकारी दफ्तरों का वर्किंग स्टाइल
मार्च माह में शुरू हुआ कोरोना वायरस ने आम लोगों की जिदगी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है।
जासं, बठिडा : मार्च माह में शुरू हुआ कोरोना वायरस ने आम लोगों की जिदगी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। कोरोना वायरस का असर व्यापार और कारोबार पर पड़ा है, उतना ही आम इंसान की जिदगी पर भी पड़ा है। इस वायरस ने लोगों की जीवनशैली पर बहुत बड़ा असर किया है, जिसके चलते लोग अपनी रूटीन के कामों में काफी बदलाव कर लिया है। वहीं सरकारी दफ्तरों की वार्किंग स्टाइल को भी पूरी तरह से बदलकर रख दिया है। जहां पहले लोग अपने कामों के लिए सरकारी दफ्तर में आने वाले लोग बिना किसी रोकटोक आ जा सकते, लेकिन कोरोना वायरस के बाद इस प्रकिया को पूरी तरह से बंद कर दिया गया और लोगों को अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलने के लिए कई प्रकार की प्रकियों के बीच में गुजरना पड़ रहा है, जिसमें हैड वॉश करने से लेकर सैनिटाइजर और सामाजिक शरीरिक दूरी का विशेष पालना करवाया जा रहा है। इसके साथ मास्क पहनकर आने और अपना टेपेंचर चेक करवाना भी जरूरी कर दिया है। सरकारी दफ्तरों में बदले इस वर्किंग स्टाइल से सैनिटाइजर व सैनिटाइजर मशीनों के अलावा मास्क की डिमांड तेजी से बढ़ी है। बठिडा एसएसपी दफ्तर की बात करे, तो एसएसपी तक पहुंचने के लिए कई प्रकार की प्रकिया से गुजरना जरूरी कर दिया गया है, जबकि बाकी सभी सरकारी दफ्तरों के मुख्य गेट पर सैनिटाइजर भी रख दिया गया, ताकि कोई भी व्यक्ति अंदर आने से पहले अपने हाथ पूरी तरह से सैनिटाइज करे। पहले एसएसपी दफ्तर तक पहुंचना जितना आसना होता था, अब उसे थोड़ा से मुश्किल कर दिया गया है। एसएसपी दफ्तर के मुख्य गेट पर जहां पर हर आने-जाने वाले व्यक्ति की एंट्री कर उसका नाम पता पूछा जाता है, वहीं उसके हाथ धोना लाजिमी है। इस प्रकिया के गुजरने के बाद हर व्यक्ति का टेंपरेचर चेक किया जाता है। जिसके बाद एसएसपी दफ्तर के बाहर एक आधुनिक सैनिटाइजर मशीन रखी गई है, जिसे हाथ सैनिटाइज करने के बाद व्यक्ति को अपना मोबाइल फोन बाहर रखवा जा रहा है। उसके बाद ही पांच से दस मीटर की दूरी पर बिठाने की इजाजत दी जा रही है। इस बार एक साथ कई लोगों को अंदर जाने की बजाय केवल दो से तीन लोगों को अंदर आने की अनुमति दी जाती है।
सिविल अस्पताल व सिविल सर्जन आफिस में दाखिल होने पर हाथ सैनिटाइजर करना के अलावा मास्क लाजिमी कर दिया गया है। इसके लिए ओपीडी के अंदर और सिविल सर्जन आफिस के मुख्य गेट पर एक स्थाई तौर पर एक कर्मचारी तैनात किया गया है, जोकि आने जाने वाले हर व्यक्ति के हाथ सैनिटाइजर करवाते है।
शहर के शिक्षा विभाग में सेंसर आधारित सैनिटाइजेशन मशीनें लगाई गई है, ताकि इस दौरान शिक्षा विभाग में कार्य कर रहा पूरा स्टाफ बार बार सैनिटाइजर का प्रयोग कर सकें। इसके अलावा जिला शिक्षा अधिकारी के दफ्तर में अंदर जाते समय हर व्यक्ति को हैंड सैनिटाइज कर अंदर जाने की इजाजत दी जाती है। इसके अलावा ज्यादातर सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के साथ डीलिग ऑनलाइन की जाती है। दफ्तर को भी समय समय पर सैनिटाइज करवा लिया जाता है।