पेंशन के इंतजार में चले गए 500 प्रोफेसर: रजनीश कुमार
सेवानिवृत्त कालेज प्रोफेसर पेंशन के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही।
संस, बठिडा: पंजाब में सेवानिवृत्त कालेज प्रोफेसर पेंशन के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही। इतना ही नहीं 500 के करीब पेंशनर्स तो ऐसे हैं जो सरकार से गुहार लगाते-लगाते इस दुनिया से चल बसे। बाकी जो बचे हैं उनके बुढ़ापे का कोई सहारा नहीं। यह कहना है पेंशन-टू-एडिड कालेज टीचर्स यूनियन पंजाब के सदस्य प्रो. रजनीश कुमार का। यूनियन की तरफ से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को मांगपत्र भेजा गया है।
प्रधान सुखदेव सिंह हुंदल ने बताया कि पूरे राज्य में करीब 142 एडिड कालेज हैं, जिसमें पढ़ाने वाले प्रोफेसरों के लिए 1978 में आई ग्रांट इन एड स्कीम के अधीन पेंशन लगाई गई थी। इसका बिल भी 1999 में विधानसभा में पास कर दिया गया था, लेकिन बिल पास करने के बाद सरकार व कालेज मैनेजमेंट यूनियन का आपसी तालमेल नहीं बना पाया। इस कारण पेंशन लगाई नहीं गई। इसका असर सभी कार्य करने वाले प्रोफेसरों पर पड़ा है। सभी बुजुर्ग हो चुके प्रोफेसरों का इस समय कोई बुढ़ापे का सहारा नहीं है। सभी पेंशनरों को इस समय दवा व अन्य कार्यों के लिए पैसों की जरूरत पड़ती रहती है, लेकिन इसके बावजूद सरकार द्वारा सभी पेंशनरों को पेंशन देने के लिए कोई कार्य नहीं किया गया।
प्रो. रजनीश कुमार ने बताया कि इन सभी पेंशनर्स में करीब 500 तो पेंशन का इंतजार करते-करते ही चले गए। जो बचे हैं, वह भी पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। बुजुर्ग प्रोफेसर काफी लंबे समय से इस आस में बैठे हैं कि सरकार कहीं न कहीं इस पेंशन बिल को लागू कर सभी को पेंशन दे। 2015 में सभी पेंशनरों की तरफ से कोर्ट में केस भी किया गया था, जिसकी पेशी अब तक नहीं आई हैं। इसके बावजूद सरकार सो रही है। इसका खमियाजा सभी बुजुर्ग पेंशनरों को भुगतना पड़ रहा है। हरियाणा के पैटर्न पर दी जाए पेंशन: प्रो. गोसाई
प्रो. एनके गोसाई ने बताया कि हरियाणा सरकार ने भी सभी एडिड प्रोफेसरों को पेंशन दी है। पंजाब सरकार द्वारा भी हरियाणा के पेटर्न के हिसाब से पेंशन दी जा सकती है। पूरे देश में करीब 22 राज्यों में यह पेंशन दी जा रही है। उन्होंने सरकार से अपील कि सभी बुजुर्ग पेंशन की मांग को पूरा किया जाए ताकि उन्हें बुढापे में सहारा मिल सके।