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बठिडा में एडवांस कैंसर सेंटर बंद करना कैंसर के रोगियों के जीवन से खिलवाड़ : हरसिमरत कौर बादल

पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि एडवांस एंड डायग्नोस्टिक कैंसर सेंटर बंद करके इसे कोविड सेंटर में बदलने से कैंसर के मरीजों की जिंदगियों से खिलवाड़ करना होगा

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 09:00 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 09:00 AM (IST)
बठिडा में एडवांस कैंसर सेंटर बंद करना कैंसर के रोगियों के जीवन से खिलवाड़ : हरसिमरत कौर बादल
बठिडा में एडवांस कैंसर सेंटर बंद करना कैंसर के रोगियों के जीवन से खिलवाड़ : हरसिमरत कौर बादल

जागरण संवाददाता, बठिडा

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पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि एडवांस एंड डायग्नोस्टिक कैंसर सेंटर बंद करके इसे कोविड सेंटर में बदलने से कैंसर के मरीजों की जिंदगियों से खिलवाड़ करना होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह को सलाह दी कि वे इस फैसले की समीक्षा करें और कोविड केयर के लिए यहां स्थित एम्स अस्पताल सहित अन्य उपलब्ध सुविधाओं का इस्तेमाल करें।

हरसिमरत कौर बादल ने भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि यहां का एडवांस सेंटर मालवा बेल्ट कें कैंसर रोगियों के लिए आखिरी उम्मीद की किरण है, जो लोग कोविड महामारी के कारण बीकानेर स्थित आचार्य तुलसी कैंसर संस्थान में नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी अस्पताल को भी कोविड रोगियों के लिए बदल दिया गया है, जिससे कैंसर रोगियों के लिए यह एकमात्र समाधान था। बादल ने कहा कि यहां कैंसर सेंटर में रोजाना 150 से 200 मरीजों ने रेडियोथेरेपी का लाभ उठाया है व रेडियोथेरिपी उपचार का लाभ उठाने के लिए ढ़ाई महीने की प्रतीक्षा की है। बादल ने यह भी खुलासा किया कि केंद्र में रोजाना पांच से दस आपरेशन भी किए जाते हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कैंसर सेंटर को बंद करने का निर्णय लेने से पहले बुनियादी तौर पर फीडबैक नहीं लिया। बादल ने कहा कि रेडियोथेरेपी मशीनों को कही व स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा मामले में स्थानांतरण प्रक्रिया के भयावह परिणाम हो सकते हैं। बादल ने कहा कि सिविल अस्पताल में यह भी उपलब्ध नहीं होगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड मामलों में वृद्धि से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा सकती है। एम्स बठिडा पांच सौ मरीजों की देखभाल कर सकता है। यह आयुर्वेद केंद्र, बच्चों का अस्पताल और यहां तक कि नर्सिंग होस्टल कोविड रोगियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।ं बादल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह दूसरी बार है जब कैंसर अस्पताल को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार पिछले साल जब तर्क से बात की थी तो सरकार को पीछे हटना पड़ा था। इस बार भी उसे कैंसर अस्पताल को बंद करने के अपने फैसले की समीक्षा करनी चाहिए, जो मालवा बेल्ट में कैंसर रोगियों के लिए एकमात्र सुविधा है। उन्होने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो कैंसर रोगी मौत के मुंह में धकेले जाएंगे।


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