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हम तो आपको बिजली देवता मानते हैं, महंगी बिजली का हल करें

हम तो आपको बिजली देवता मानते हैं। आप ही महंगी बिजली दर का कोई हल निकाल सकते हो।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 12:12 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 06:14 AM (IST)
हम तो आपको बिजली देवता मानते हैं, महंगी बिजली का हल करें
हम तो आपको बिजली देवता मानते हैं, महंगी बिजली का हल करें

गुरप्रेम लहरी, बठिडा : हम तो आपको बिजली देवता मानते हैं। आप ही महंगी बिजली दर का कोई हल निकाल सकते हो। यह गुहार राइस शैलर एसोसिएशन के प्रधान नारायण गर्ग ने पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन की चेयरपर्सन कुसुमजीत सिद्धू के सामने पब्लिक हीयरिग के दौरान लगाई। उन्होंने बिजली दरों को और बढ़ाने की बजाय इसको कम करने की अपील की। इसके साथ ही उद्योगपति सुरेश गुप्ता ने कुसुमजीत सिद्धू को कहा कि आप सिर्फ बोर्ड की बॉडी न बनें। आप ऐसा काम करके जाएं कि दुनिया आपको याद करें। उन्होंने कहा कि पंजाब कि 35 फीसद इंडस्ट्री वेंटीलेटर पर है। साल में 80 बार ट्रिप हुई मानसा-रिफाइनरी लाइन : एचएमईएल एचएमईएल के प्रतिनिधि ने कमीशन को बताया कि गुरु गोबिद सिंह रिफाइनरी को बिजली सप्लाई करने वाली मानसा- रिफाइनरी लाइन एक साल में 80 बार ट्रिप हुई है। इस पर चेयरपर्सन काफी गुस्से में आ गई और उन्होंने संबंधित अधिकारी को कल सुबह तक इसकी फाइल अपने टेबल पर मंगवाई है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में आप बताएं कि साल में कितनी बार ट्रिपिग हुई और आपने कितनी ट्रिपिग को चेक किया और उस पर आपने क्या एक्शन लिया। कानून के संरक्षक ही नहीं भर

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रहे बिल : केएस मान पावरकॉम के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर करनैल सिंह मान ने कमीशन को कहा कि कानून के संरक्षक एसएसपी व डीसी की ओर ही करोड़ों रुपये बकाया है। अपने घरों के वह बिल नहीं भर रहे या फिर घरों के बिल कैंप ऑफिस में ट्रांसफर कर रहे हैं। पावरकॉम अधिकारियों से इस संबंधी तिमाही प्रगति रिपोर्ट मांगी जाए। इस पर चेयरपर्सन ने सहमति प्रकट की।

अगर सरकार सब्सिडी के पैसे

नहीं देती तो उनको बिजली न दें पावरकॉम के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर करनैल सिंह मान ने सुझाव दिया कि कमीशन सब्सिडी निर्धारित करता है। पीएसपीसीएल को अगर सरकार सब्सिडी के पैसे नहीं देती तो उनको बिजली न दी जाए। इस पर चेयरपर्सन ने कहा कि अगर सरकार पेमेंट लेट करती है तो उसने जुर्माना भी लिया जाता है। इस पर इंजी. मान ने कहा कि वह तो सब्सिडी के पैसे नहीं दे रही, जुर्माना क्या देगी। रिबेट बढ़ाकर 25 फीसद की

जाए : एचएस खुर्मी

पावरकॉम के रिटायर्ड डिप्टी चीफ इंजीनियर एचएस खुर्मी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार कोई भी बिजली को आगे बेच सकता है, लेकिन इसकी शर्तें ज्यादा सख्त होने के कारण कॉलोनाइजर परेशान हो रहे हैं। डिस्ट्रीब्यूशन फ्रेंचाइजी लेने वालों को मिलने वाली दस फीसद रिबेट बढ़ा कर 25 फीसद की जाए। इस पर चेयरपर्सन का कहना था कि वह इसकी जांच करेंगी।

सिर्फ दस्तावेजों में ही पांच रुपये

यूनिट : सुरेश गुप्ता

उद्योगपति सुरेश गुप्ता ने कहा कि वह हर माह 90 लाख से एक करोड़ रुपये बिजली का बिल भर रहे हैं। सिर्फ दस्तावेजों और विज्ञापनों में ही बिजली की यूनिट पांच रुपये है। टैक्स ही इतने लगा दिए गए हैं कि उन्हें सात रुपये प्रति यूनिट बिजली पड़ रही है। अगर धान की फसल को कम करना है तो स्पिनिग इंडस्ट्री को प्रमोट करना होगा। उन्होंने कहा कि आप दूसरे राज्यों के साथ मुकाबला करके देखें तो पता चलेगा कि इंडस्ट्री बढ़ी है या कम हुई है। सुरेश कुमार की बातों का चेयरपर्सन कोई ठोस जवाब नहीं दे पाई। बिजली सप्लाई न आने वाले दिन मिनिमम चार्जेज न डाले जाएं : तरलोचन

मानसा से आए व्यापारी तरलोचन सिंह ने कहा कि हमारे क्षेत्र में कई बार दो दो दिन बिजली नहीं आती। लेकिन हमें मिनिमम चार्जेज डाल दिए जाते हैं। इसको बंद किया जाए। इस पर चेयरपर्सन ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि दो-दो दिन लाइट न आए। उन्होंने चीफ इंजीनियर को इसको चेक करने के लिए कहा। कॉटन के ऑफ सीजन में कम करें

मिनिमम चार्जेज : बंसल

जिन्नर्ज एसोसिएशन के प्रधान भगवान दास बंसल ने कहा कि कॉटन के सीजन सिर्फ चार माह ही रहता है। ऑफ सीजन में मिनिमम चार्जेज कम किए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर यूनिट ही न रहे तो किसान नरमे की फसल को कहां बेचेंगे। अलग से एक कनेक्शन लेने की दी सलाह राइस शैलर एसोसिएशन के प्रधान नारायण गर्ग ने कहा कि उनको शैलरों के लिए ज्यादा किलोवाट के कनेक्शन लेने पड़ते हैं। लेकिन जब शैलरों में अनाज खत्म हो जाता है तो लाइटें जलाने के लिए ही बिजली चाहिए होती है। लेकिन ज्यादा किलोवाट का कनेक्शन होने के कारण मिनिमम चार्जेज बहुत पड़ जाते हैं। चेयरपर्सन कुसुमजीत सिद्धू ने कहा कि आप अपने कमरे व लाइटों के लिए एक अलग से कनेक्शन ले सकते हैं।


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