निगम को स्लज कैरियर की मरम्मत के लिए नहीं मिल रहा ठेकेदार
एक मात्र स्त्रोत स्लज कैरियर की मरम्मत के लिए नगर निगम को कोई ठेकेदार नहीं मिल रहा है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : बरसाती और सीवरेज के पानी की निकासी के शहर के एक मात्र स्त्रोत स्लज कैरियर की मरम्मत के लिए नगर निगम को कोई ठेकेदार नहीं मिल रहा है। इसके चलते साढ़े 12 किलोमीटर लंबे इस खस्ताहाल स्लज कैरियर की मरम्मत नहीं हो पा रही है। मानसून के दौरान पिछले कई सालों से अकसर टूट रहे इस स्लज कैरियर की मरम्मत के लिए क्षेत्र के विधायक एवं राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल की ओर से 88 लाख रुपये का फंड भी मुहैया करवाया जा चुका है। लेकिन फंड होने के बावजूद इसकी मरम्मत के लिए कोई ठेकेदार दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। निगम की तरफ से इसकी मरम्मत के लिए कई बार टेंडर लगाए जा चुके हैं।
निगम ने ठेकेदार की अर्निस्ट मनी जब्त करने की शुरू की प्रक्रिया
नवंबर में चौथी बार लगाए गए टेंडर में मौड़ मंडी की एक फर्म ने अप्लाई करके इसमें दिलचस्पी दिखाई। उसे नगर निगम ने यह काम अलाट भी कर दिया। लेकिन इसके बावजूद उसने उसने काम शुरू नहीं किया। अधिकारियों की ओर से बार-बार कहने के बाद आखिरकार उसने काम करने से ही मना कर दिया। अब निगम की ओर से उसकी करीब 1.60 लाख रुपये की अर्निस्ट मनी जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। इसके बाद निगम की ओर से फिर से टेंडर जारी किया जाएगा, ताकि कोई ठेकेदार मिले और मानसून के मौसम से पहले-पहले इसकी मरम्मत की जा सके। जनवरी में बनाई गई थी स्लज
कैरियर की मरम्मत की योजना
नगर निगम की ओर से बेशक बीते मानसून के मद्देनजर छप्पड़ों को गहरा करने और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निकट वक्फ बोर्ड़ से दस एकड़ जमीन लीज पर लेकर उसमें पौंड की व्यवस्था कर लेने से बरसातों के दिनों में पानी की निकासी कर ली गई। हालांकि निगम की यह योजना सफल रही और पहले से जल्दी पानी की निकासी हो गई। स्लज कैरियर भी टूटने से बच गया, जबकि इससे पहले हर मानसून में स्लज कैरियर लगातार चार बार टूट चुका है। राइजिग मेन का निर्माण न हो पाने के कारण निगम ने बीते जनवरी में स्लज कैरियर की मरम्मत करने की योजना बनाई थी। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने स्लज
कैरियर के लिए जारी की ग्रांट
स्लज कैरियर की मरम्मत के लिए वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने राशि भी नगर निगम को जारी कर दी थी। लेकिन उसके बाद मार्च में कोरोना काल शुरू हो गया। बाद में जब राज्य में सरकार ने विकास कार्य शुरू करने के निर्देश जारी किए तो निगम की ओर से इसकी मरम्मत के लिए टेंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई। लगातार तीन बार टेंडर लगाए गए, लेकिन किसी ठेकेदार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। चौथी बार टेंडर लगाया तो मौड़ मंडी के ठेकेदार ने अप्लाई किया। लेकिन टेंडर अलाट होने के बावजूद उसने काम करने से मना कर दिया। बताया जाता है कि उसके पास मरम्मत के लिए पर्याप्त मशीनरी न होने के कारण और किराए पर महंगा काम पड़ने से उसे यह घाटे वाला सौदा नजर आया। इसके कारण उसने काम करने से ही मना कर दिया। ठेकेदारों के टेंडर न भरने के
कारण नहीं पा रही मरम्मत: बांसल नगर निगम के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर किशोर बांसल ने कहा कि ठेकेदारों की ओर से इस काम में दिलचस्पी न लेने के कारण मरम्मत का कार्य नहीं हो पा रहा है। जबकि निगम कई बार टेंडर लगा चुका है। हाल में लगाए गए टेंडर में एक ठेकेदार ने अप्लाई किया था। उसे काम भी अलाट कर दिया गया था, लेकिन उसने भी कार्य करने से मना कर दिया। अब उसकी अर्निस्ट मनी जब्त करके फिर से टेंडर लगाया जाएगा।