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परीक्षाएं रद होने से खत्म हो रही पढ़ाई की गंभीरता

पीएसईबी ने भी 5वीं 8वीं और 10वीं की परीक्षाएं रद कर दीं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:08 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 10:08 PM (IST)
परीक्षाएं रद होने से खत्म हो रही पढ़ाई की गंभीरता

जासं,बठिडा: प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए सीबीएसई की तरफ से दसवीं की परीक्षा रद किए जाने के बाद वीरवार को पंजाब शिक्षा एजुकेशन बोर्ड (पीएसईबी) ने भी 5वीं, 8वीं और 10वीं की परीक्षाएं रद कर दीं। सभी विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। साथ ही 12वीं की परीक्षाएं स्थगित की गई हैं। सरकार के इस फैसले को जहां कुछ विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों ने राहत भरा बताया, वहीं कुछ ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं में पढ़ाई के प्रति गंभीरता खत्म हो रही है। इतना ही नहीं आनलाइन पढ़ाई की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। कोरोना के चलते यह फैसला सही सरकार की तरफ से 5वीं व 8वीं कक्षाओं के बच्चों को बिना परीक्षा लिए अगली कक्षा के लिए प्रमोट करना ठीक फैसला है। जिस तेजी से प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है, ऐसे में परीक्षा करवाना मासूम बच्चों की जिदगियों को खतरे में डालने के बराबर था।

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- संदीप सिंह, अभिभावक 10वीं की परीक्षा जरूर होनी चाहिए पीएसईबी पहले भी 5वीं व 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को फेल नहीं करने के आदेश जारी कर चुका है। ऐसे में बिना परीक्षा लिए प्रमोट करना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट करना कहीं न कहीं विद्यार्थियों को पढ़ाई से मोह भंग कर सकता है।

--जसपाल सिंह, अभिभावक 10वीं में ही बनती हैं भविष्य की योजनाएं 10वीं कक्षा की परीक्षाएं स्थगित नहीं होनी चाहिए थीं, क्योंकि सभी विद्यार्थी अपने भविष्य को लेकर योजनाएं बनाते हैं। उन्हें आगे चलकर क्या करना है, उसका चयन करते हैं। परीक्षा स्थगित होने के बाद अब विद्यार्थियों पर पढ़ाई का अतिरिक्त दबाव बना रहेगा।

- जसनूर कौर, छात्रा। 10वीं में मिले अंक काफी महत्व रखते हैं 10वीं कक्षा की परीक्षा होनी चाहिए थी क्योंकि सभी छात्रों ने परीक्षाओं के लिए कड़ी मेहनत करके पढ़ाई की थी। 10वीं कक्षा में अंक काफी महत्व रखते हैं। अगर 10वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित होती तो बच्चे अपनी क्षमता अनुसार पेपर देते औैर उनका परिणाम उसी अनुसार आता।

-शानप्रीत कौर, छात्रा। टेंशन छोड़ अगली कक्षा की तैयारी करें बच्चे: प्रदेश में जिस तेजी से कोरोना के केस बढ़ते जा रहे है, उसके अनुसार सरकार का पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की बिना परीक्षा लिए प्रमोट करना का फैसला काफी हदतक ठीक भी है। अगर परीक्षा के दौरान बच्चे कोरोना संक्रमित होते, तो वह बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए काफी खतरनाक साबित होता। दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को परीक्षा नहीं होने की टेंशन न लेकर अगली कक्षा की पढ़ाई करनी चाहिए ताकि वह अगली कक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकें।

डा. सुनील गुप्ता, मनोरोग विशेषज्ञ


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