वित्तमंत्री को चूड़ियां देने जा रही भाजपा वर्करों को बैरिकेड लगाकर रोका
वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के समक्ष बुधवार को भाजपा महिला मोर्चा ने रोष प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, बठिडा: पंजाब में भाजपा विधायक व अन्य नेताओं पर हो रहे हमलों के विरोध में वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के समक्ष बुधवार को भाजपा महिला मोर्चा ने रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान जहां भाजपा महिला रोष प्रदर्शन करने पहुंचीं, वहीं कुछ किसानों ने भी पहुंचकर भाजपा के खिलाफ अपना विरोध जताया। इस दौरान माहौल काफी तनावपूर्ण बन गया, जिसको देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया ताकि दोनों में टकराव रोका जा सके। भाजपा वर्करों को रोकने के लिए पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेड्स लगा दिए, जिसके चलते महिलाओं ने रास्ते पर ही धरना लगा दिया।
दरअसल, भाजपा महिला वर्कर मनप्रीत के दफ्तर में उनको चूड़ियां देने के लिए पहुंची थीं। उनका आरोप था कि आज के समय में पंजाब में कानून व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो गई है। महिलाओं ने बताया कि किसानों की आड़ में सरकार गुंडों को बुलाकर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे है। इसी के चलते मलोट में भाजपा के विधायक के साथ बदतमीजी की गई। मगर कैप्टन सरकार की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। भाजपा महिला मोर्चा की राज्य प्रधान मोना जयसवाल ने बताया कि पंजाब सरकार गुंडा तत्वों को बुलाकर भाजपा पर हमले करवा रही है, जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इसके बाद तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ ने मौके पर पहुंचकर महिलाओं से चूड़ियां लेकर उनके प्रदर्शन को समाप्त करवाया। इस मौके पर जिला प्रधान ममता जैन, बठिडा इंचार्ज मनजोत कौर, जिला सचिव बबीता गुप्ता के अलावा जिला भाजपा के प्रधान विनोद बिटा, उमेश शर्मा, संदीप अग्रवाल भी मौजूद थे। भाजपा में विरोध में पहुंचे किसान बोले, केंद्र को पहनाओ चूड़ियां
भाजपा महिला मोर्चा के प्रदर्शन का पता लगने पर भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के नेता भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान यूनियन के रणजीत सिंह, हरप्रीत सिंह, भोला सिंह ने बताया कि भाजपा नेता जहां भी जाएंगे, वहां पर उनका विरोध किया जाएगा। भाजपा नेता अब डरते हुए महिलाओं को आगे कर रहे हैं। अगर भाजपा नेता कहीं भी प्रदर्शन करना चाहते हैं तो वह किसानों की तरह पहले बताकर आएं। वहीं भाजपा महिला नेता यह चूड़ियां पहले केंद्र सरकार और पूंजीपतियों को देनी चाहिएं ताकि कृषि कानून रद हो सके।