पंजाबी गायकों ने भी किया किसानों का समर्थन, गीत गाकर बढ़ाया हौसला
मोर्चे में पहली बार पंजाबी गायक व कलाकार भी उतर आए हैं।
जागरण संवाददाता, बठिडा : खेती कानून लागू करने के विरोध में राज्य के किसानों द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ शुरू किए गए मोर्चे में पहली बार पंजाबी गायक व कलाकार भी उतर आए हैं। गायकों व कलाकारों द्वारा सिर्फ जोशीले गीत गाकर ही नहीं, बल्कि धरनों में पहुंच कर किसानों के जोश को तेज किया गया है। पंजाबी गायकों ने किसानों का हौसला बढ़ाने के लिए करीब एक दर्जन गीत गए हैं, जो आजकल किसानों के धरनों में चल रहे हैं।
गायक कंवर ग्रेवाल ने कृषि संघर्ष के दौरान शंभू बैरियर पर पहुंच कर पुलिस कर पुलिस के नाकों को तोड़कर आगे बढ़ रहे किसानों के जोश को बढ़ाया तो फिल्मी कलाकार दीप सिद्धू पिछले लंबे समय से किसानों के हक में शंभू मोर्चा चला रहे हैं। इसके अलावा फिल्मी कलाकार योगराज सिंह, गग्गू गिल व पंजाबी के गायक हरभजन मान किसानों के धरनों में पहुंच कर उनकी हौंसला अफजाई कर चुके हैं। जबकि मानसा जिले से संबंधित गायक आरनेत किसानों के साथ दिल्ली मोर्चे में डटे हुए हैं। पंजाबी गायकों द्वारा किसानों के हक में गाए जोशीले गीतों ने नौजवान पीढ़ी को इस हद तक प्रभावित किया है कि वह भी किसानों के मोर्चों में शामिल ही नहीं, बल्कि हरियाणा पुलिस की ओर से लगाए गए नाकों को भी कुछ ही समय में तोड़कर आगे बढ़ गए।
पंजाबी गायकों ने अपनी गीतों के जरिए किसानों की जमीने छीनने, पंजाब के लिए लड़ाई होने व केंद्र सरकार द्वारा धक्केशाही करने को उजागर किया है। किसानों की ट्रैक्टर ट्रालियों पर चल रहे यह गीत उनका जोश बढ़ा रहे हैं। गायक बब्बू मान ने भी दिल्ली मोर्च में पहुंच कर किसानों को संबोधित किया है। गायक ऐसे गीत गाकर बढ़ा
रहे हैं किसानों का हौंसला सूफी गायक कंवर ग्रेवाल ने हर्ष चीमा का गीत 'खिच लै जट्टा, खिच तैयारी पेचा पै गिया सेंटर नाल' काफी किसानों में चर्चित है। इसके अलावा ग्रेवाल ने गीत गाया है कि कोई 'खंडे तिखे, कोई किरपाण करूगा, तैने दिल्लीए इकट्ठ परेशान करूगा, फायदे नालों ज्यादा नुकसान करूगा, फसलां दे फैसले खुद किसान करूगा'। गायक भाइयों दीपा घोलिया व बूटा भाईरूपा ने भी सबसे से पहले जट्टां दे गीत गाओन वालियो, खड़ जो नाल किसानां दे गीत गाकर किसानों में जोश भरा है। गांव जंडावाला से संबंधित पंजाबी गायक हरभजन मान द्वारा 'कदे ना कीती एतवार दी छुट्टी, कम वलों वीरा तेरी कदे तार ना टुटी' गाया है।
बब्बू मान ने अक्ख दुश्मन दी नोच दिओ, चौथी वार मंजी ठोक दियो गीत को पेश किया है। मनमोहन वारिस व कमल हीर द्वारा अच्छे दिनों पर पंजाब की किसानी डोबने को भी गाया है। गायक नरिदर गिल ने 'तेरी मां वेचन नूं आ गए' गाकर किसानों को केंद्र की नियत प्रति सूचित किया है।
किसानों के साथ हैं गायक
किसानों के मोर्चे में डटे हुए मानसा जिले से संबंधित पंजाबी गायक आरनेत, बब्बू मान, कंवर ग्रेवाल, गीतकार शेरो मट्ट वाला दिल्ली मोर्चे में किसानों के साथ डटे हुए हैं। उनका कहना है कि असल में यह लड़ाई अकेले किसानों की नहीं है, बल्कि पंजाब की सीमा बचाने के लिए लड़ाई बन चुकी है। बेशक वह किसान परिवार से संबंधित नहीं है, मगर वह पंजाब व पंजाबियत को बचाने के लिए किसानों के संघर्ष में आगे आए हैं। कंवर ग्रेवाल व दीप सिद्धू भी किसानों के संघर्ष में आगे आकर अपना रोल अदा कर रहे हैं।