दस जगह धरना, दुकानें रहीं बंद, बसें न चलने से लोग हुए परेशान
भारत बंद के आह्वान के तहत किसानों ने जिले में करीब दस जगह धरने लगाकर मुख्य रास्तों पर जाम लगाया।
जागरण संवाददाता, बठिडा: केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए कृषि सुधार कानूनों को रद करवाने के लिए भारत बंद के आह्वान के तहत किसानों ने जिले में करीब दस जगह धरने लगाकर मुख्य रास्तों पर जाम लगाया। साथ ही उनके समर्थन में शहर के पूरे बाजार बंद रहे। सिर्फ केमिस्ट शाप्स ही खुली रहीं। बस स्टैंड से सरकारी व प्राइवेट बसों को भी नहीं चलाया गया। इस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जगह-जगह लगाए गए जाम के दौरान किसी भी वाहन चालक को नहीं निकलने दिया गया। इस दौरान हालांकि सरकारी दफ्तर खुले रहे, लेकिन लोगों को वहां जाने में दिक्कत के चलते बहुत कम गिनती में लोग पहुंचे। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। आंखों की दवा के लिए भटकता रहा बुजुर्ग दंपती
किसानों के धरने के दौरान सभी मुख्य रास्ते बंद रहे। हालांकि पुलिस ने रूट डायवर्ट किए थे, लेकिन वहां भी लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बठिडा के भाई घन्हैया चौक में लगाए गए धरने के दौरान एक बुजुर्ग दंपती काफी परेशान रहा। महिला मूर्ति देवी ने आंखों का आप्रेशन करवाया था, जिसकी दवा लेने के लिए वह घर से निकली थी। मगर वह धरने के कारण आगे ही नहीं जा पाई और उन्हें काफी परेशान होना पड़ा। एंबुलेंस को भी नहीं दिया रास्ता
नौजवान वेलफेयर सोसायटी के प्रधान सोनू महेश्वरी ने आरोप लगाया कि उनको काल आई कि एक शव को लेकर जाना है। उन्होंने एंबुलेंस भेजी, लेकिन उसे नहर के पास से किसानों ने रोक लिया। कहा कि एंबुलेंस खाली है। आगे नहीं जाने देंगे। उन्हें समझाने के बावजूद आगे नहीं जाने दिया गया। कोर्ट केस की दुहाई पर दिया रास्ता
किसानों ने मानसा रोड पर जस्सी चौक में धरना लगा कर यातायात रोक दिया। इस दौरान काका सिंह नाम का व्यक्ति आया और कहा कि उनका कोर्ट में केस लगा हुआ है। आज अगर वह कोर्ट न पहुंचा तो अदालत उनको सजा सुना सकती है। इस पर किसानों ने उसके कागजात देख कर उसको जाने दिया।