बठिंडा-अमृतसर फोरलेन से हैवी वाहनों के लिए मानसा रोड तक बनेगा 28 किलोमीटर बाइपास
केंद्र सरकार की ओर से भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अब ब¨ठडा जिले में एक नई बाइपास ¨रग रोड का निर्माण किया जा रहा है।
साहिल गर्ग, ब¨ठडा : केंद्र सरकार की ओर से भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अब ब¨ठडा जिले में एक नई बाइपास ¨रग रोड का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ तीसरा ¨रग रोड मिलने से शहर में आने वाला हैवी वाहनों का ट्रैफिक बाहर से ही निकल जाएगा। यह 28 किलोमीटर लंबा बाइपास मानसा रोड स्थित कोटशमीर से ब¨ठडा-अमृतसर फोरलेन पर जाकर निकलेगा। इसमें ब¨ठडा-मलोट रोड की ¨रग रोड को शामिल कर आगे गांव सिवियां से निकाल कर मेन हाइवे से जोड़ा जाएगा। जबकि यह सारा बाइपास फोरलेन होगा और इसमें खास यह है कि यह वन विभाग यानी खाली जगह से अलग तौर पर निकाला जाएगा। इसके अलावा गांव जोधपुर रोमाना से संगत कलां तक 10 किलोमीटर अलग से फोरलेन भी बनाई जाएगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर एनएचएआइ ने जिला ब¨ठडा के वन विभाग से 21.70 हेक्टेयर जमीन में सड़क निर्माण के लिए मंजूरी मांगी है। फिलहाल एनएचएआइ की ओर से दोनों सड़कों के निर्माण को लेकर सर्वे किया जा रहा है। इस पर कितना खर्च होगा व कहां-कहां पर कितने पेड़ काटने की जरूरत पड़ेगी।
यहां से निकलेगी यह रोड
मानसा रोड स्थित कोटशमीर से यह रोड वन विभाग के एरिया से होकर जोधपुर रोमाना से नरुआना होते हुए आगे मलोट रोड की ¨रग से मिलेगी। जहां से यह गांव सिवियां के बीच से होकर ब¨ठडा-श्री अमृतसर साहिब हाईवे को जोड़ेगी। जिसकी कुल लंबाई 28 किलोमीटर लंबी रहेगी। इसके अलावा गांव जोधपुर रोमाना से डेढ़ किलोमीटर आगे जाकर संगत कलां के लिए अलग से रोड़ निकाली जाएगी। इसके लिए कुल 21.70 हेक्टेयर रकबे में से संगत कलां ब¨ठडा का 15.61 व ¨रग रोड के लिए 6.09 हेक्टेयर रकबे को कवर किया जाएगा। जबकि इस रोड़ के बनने के बाद गोनियाना की तरफ से आने वाले हैवी वाहन मानसा रोड़ पर जाने के लिए सीधे यहां से निकल जाएंगे, जिसके साथ उनको शहर में एंटर होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ब¨ठडा से भवानीगढ़ तक भी बन रही है फोरलेन
राज्य सरकार की ओर से भी ब¨ठडा से भवानीगढ़ तक फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है, जबकि गांव कोटशमीर तक तो फोरलेन है ही, जिसको आगे जोड़ने के लिए सर्वे करवाया जा रहा है। इस रोड के लिए जहां से सर्वे होगा, वहीं पर नई ¨रग रोड बाइपास को जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ब¨ठडा से अजमेर एक्सप्रेस हाईवे बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सर्वे करवाया जा रहा है। जिसके चलते उम्मीद जताई जा रही है कि संगत कलां तक रोड बनाने का मकसद भी अजेमर एक्सप्रेस हाईवे का ही हिस्सा है। इसी प्रकार ब¨ठडा से मलोट व ब¨ठडा से डबवाली रोड को भी फोरलेन करने की तैयारी है। जबकि मलोट रोड का तो सर्वे भी पूरा हो गया है, जो मलोट से आगे अबोहर-फाजिल्का तक बनाई जाएगी।
विकास कार्यों की भेंट चढ़ेंगे पेड़
जिले में सड़क ओवरब्रिज के लिए हजारों पेड़ों की बलि दे दी जाएगी। एक पेड़ एक साल में दो लोगों के लिए 680 पौंड पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन पैदा करता है और 20 टन कार्बन डाईआक्साइड लेता है। अगर 10 हजार पेड़ भी कटते हैं तो 20 हजार लोगों को एक साल तक मिलने वाले 68 लाख पौंड आक्सीजन के स्त्रोत समाप्त हो जाएंगे। वहीं 10 हजार पेड़ों की काटने की एवज में 20 हजार नए पेड़ लगाने का नियम है लेकिन स्थिति यह है कि जंगलात विभाग के पास तो साधन है और ही इन पेड़ों को लगाने के लिए जमीन है। फिलहाल ब¨ठडा के कुल क्षेत्रफल में मात्र 1.9 फीसदी जंगल रह गए है, अगर यही स्थिति रही तो आने वाले 10 साल में ब¨ठडा जंगल विहीन क्षेत्र हो जाएगा।
एनएचएआइ को ही है सारी जानकारी : एक्सईएन
पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन मंदर सिंह के अनुसार रोड बन तो रही है लेकिन इसका सर्वे एनएचएआइ की ओर से किया जा रहा है। इसके बारे में सारी जानकारी उनको ही है।