नींव पत्थर रखने के 18 साल 6 महीने 5 दिन बाद शुरू हुआ रिग रोड का निर्माण
शहर को ट्रैफिक मुक्त करने वाली रिग फेज 1 का काम नींव पत्थर रखने के आखिरकार 18 साल 6 महीने 5 दिन बाद शुरू हो गया है।
साहिल गर्ग, बठिडा : शहर को ट्रैफिक मुक्त करने वाली रिग फेज 1 का काम नींव पत्थर रखने के आखिरकार 18 साल 6 महीने 5 दिन बाद शुरू हो गया है। इसका निर्माण कार्य वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने रोड पर टक लगाकर शुरू किया। इसके लिए पटेल नगर के माता वैष्णो मंदिर के पास समागम का आयोजन किया गया था। यह रिग रोड शहर के लिए लाइफ लाइन साबित होगी, इसके साथ बरनाला से मानसा या मानसा से बरनाला की तरफ जाने वाला सारा हैवी ट्रैफिक बाहर से ही निकल जाएगा तो शहर के लोगों को ट्रैफिक की समस्या से सामना नहीं करना पड़ेगा। जबकि इस रोड़ के निर्माण पर 95 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिस संबंध में जुलाई माह में टेंडर भी जारी हो गया है। मगर बाद में लोक निर्माण विभाग के जिस एक्सईएन के पास यह रोड थी, उसको सड़क निर्माण में धांधली के आरोप में सस्पेंड कर दिया था, जिस कारण रोड का निर्माण कार्य तीन महीने ओर लटक गया था। ऐसे बनेगी सारी रोड
यह रिग रोड बठिडा-बरनाला रोड पर स्थित थाना कैंट के साथ वाली रोड से निकलेगी। जो आगे मानसा ओवरब्रिज के आईटीआई पुल के साथ जुडे़गी। इस रोड पर एक अंडरब्रिज व एक ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा। जबकि अंडरब्रिज 500 मीटर लंबा होगा, जो इंडस्ट्रियल एरिया के पास रेलवे लाइनों पर बनाया जाएगा तो ओवरब्रिज की लंबाई 400 मीटर के करीब होगी, जो इंडस्ट्रियल एरिया की मेन रोड को आईटीआई पुल के साथ जोड़ेगा। इसके अलावा रोड के साथ सर्विस लाइन भी बनाई जाएगी, जहां से भागू रोड, धोबियाना बस्ती रोड, पावर हाऊस रोड, माडल टाउन फेज 3 व पटेल नगर के लिए सर्विस रोड बनेगी। वहीं रोड के साथ साथ कैंट का एरिया होने की वजह से सुरक्षा के लिहाज से फेंसिग भी की जाएगी। इनको होगा फायदा
- कम होगी दूरी : इस रोड का निर्माण होने से 5 से 7 किलोमीटर का सफर कम हो जाएगा। इससे पहले बरनाला से मानसा या डबवाली आने जाने वाले लोगों को शहर से घूम कर जाना पड़ता था। मगर अब इसके साथ उनको 5 से 7 किलोमीटर का सफर कम करना पड़ेगा।
-शहर होगा ट्रैफिक मुक्त : इस समय शहर में भारी वाहनों के कारण अक्सर ही जाम लगा रहता है। मगर इस रोड के निर्माण के बाद हैवी ट्रैफिक को शहर में नहीं आना पड़ेगा। इसके अलावा बठिडा तेल डिपुओं व रिफाइनरी से निकलने वाले कैंटर भी जाम का कारण नहीं बन पाएंगे।
- बस स्टैंड हो सकता है पास : बठिडा शहर में स्थित बस स्टैंड को शहर से बाहर लेकर जाने के लिए 2007 में बनी योजना आज भी अधर में लटक रही है। मगर बसों की सही एंट्रेस या एग्जिट न होने के कारण कैंट की ओर से आपति जताई जा रही थी। लेकिन अब इसका भी काम शुरू हो सकेगा।
- अन्य राज्यों को मिलेगी सुविधा : हरियाणा व राजस्थान के अलावा पंजाब के मानसा व तलवंडी आदि स्थानों को जाने के लिए वाहन चालकों के ईंधन व समय दोनों व्यर्थ होते थे। वहीं 100 फीट बीबी वाला रोड इस ट्रैफिक को लेने में सक्षम नहीं था। मगर अब इनको भी फायदा होगा। इसलिए लटका प्रोजेक्ट
8 अप्रैल 2001 में तत्कालीन निकाय मंत्री बलराम जी दासटंडन ने छावनी के साथ सटी रिग रोड का नींव पत्थर रखा था। जिसका 2004 में अवार्ड सुनाया गया तो कुछ लोगों ने पैसा कम मिलने पर आपत्ति जताते हुए न्यायालय की शरण ली थी। इस दौरान भूखंड मालिकों की सरकार के साथ बातचीत जारी रही लेकिन कोई हल नहीं निकला और केस चलता रहा, जिसके बाद 2011 में हाईकोर्ट का फैसला नगर सुधार ट्रस्ट के हक में हुआ। लेकिन स्थानीय लोगों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और 2017 में सुप्रीम कोर्ट बैंच ने विचार-विमर्श करने के बाद रिग रोड बनाने की इजाजत दी थी। इस बीच आने वाली 16 एकड़ भूमि के लिए डीसी को निर्देश जारी कर हल निकालने को कहा तो बठिडा के तत्कालीन डीसी दीप्रवा लाकड़ा ने जमीन मालिकों से मीटिग कर रिपोर्ट को फाइनल किया। इसके बाद भी जब नगर सुधार ट्रस्ट काम नहीं कर पाया तो इसको पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया, जिसके बाद इस पर काम शुरू हो गया। इन पर होंगे पैसे खर्च
- सड़क निर्माण पर 25.29 करोड़
- ओवरब्रिज व अंडरब्रिज निर्माण पर 35.60 करोड़।
- जमीन एक्वायर के लिए 23 करोड़
- सुविधाएं शिफ्ट करने के लिए 9 करोड़।
- जंगलात विभाग की क्लियरेंस के लिए 50 लाख।
- कंटीजेंसी चार्जेस पर 1.52 करोड़।