पेटेंट की बारियों के बारे में दी जानकारी
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिंडा ने भारत में पेटेंट की नवीन प्रवृत्तियां विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार करवाया। सीयूपीबी के अर्थशास्त्र विभाग ने इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के सहयोग से कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी तिवारी के संरक्षण में कार्यक्रम का संचालन किया।
जागरण संवाददाता, बठिडा : पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिंडा ने भारत में पेटेंट की नवीन प्रवृत्तियां विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार करवाया। सीयूपीबी के अर्थशास्त्र विभाग ने इंस्टीट्यूशन इनोवेशन काउंसिल के सहयोग से कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी तिवारी के संरक्षण में कार्यक्रम का संचालन किया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता केरल के सेंटर फार डेवलपमेंट स्टडीज के निर्देशक प्रो. सुनील मनी थे।
मुख्य वक्ता प्रो. सुनील मनी ने भारत में पेटेंट की प्रवृत्तियों व विकास पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि पेटेंट एक सीमित अवधि के लिए नए अविष्कार को व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा से सुरक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि भारत में पेटेंट भारतीय पेटेंट अधिनियम (1970) के तहत शासित हैं, जो 1972 में लागू हुआ था। उन्होंने कहा कि भारत में अधिकांश पेटेंट आइआइटी, मल्टी-नेशनल कंपनियों व भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग द्वारा किए गए हैं। कार्यक्रम की शुरुआत सीयूपीबी आइआइसी के सलाहकार प्रो. एसके बावा के भाषण के साथ हुई। कार्यक्रम का समन्वय अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष व आयोजन सचिव डा. संदीप कौर ने किया। अंत में, सीयूपीबी आइआइसी के अध्यक्ष प्रो. मोनिशा धीमान ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया।