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बठिंडा में मौड़ मंडी ब्लास्ट को चार साल बीते, अभी भी इंसाफ को तरस रहे पीड़ित परिवार

बठिंडा के मौड़ मंडी विधान सभा हल्के में कांग्रेस प्रत्याशी की जनसभा में हुए बम ब्लास्ट में सात लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन मामले के आरोपितों को पकड़ने में अभी तक बठिंडा पुलिस असफल रही है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 08:22 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 08:22 PM (IST)
बठिंडा में मौड़ मंडी ब्लास्ट को चार साल बीते, अभी भी इंसाफ को तरस रहे पीड़ित परिवार
बठिंडा के मौड़ मंडी ब्लास्ट मामले में पीड़ित परिवारों को आज तक इंसाफ नहीं मिल पाया है।

बठिंडा, [गुरप्रेम लहरी]। चार साल पहले 31 जनवरी  2017 को बठिंडा के मौड़ मंडी विधान सभा हल्के में कांग्रेस प्रत्याशी की जनसभा में हुए बम ब्लास्ट के आरोपितों को पकड़ने में अभी तक बठिंडा पुलिस असफल रही है। इस ब्लास्ट में पांच मासूमों सहित सात लोगों की जान चली गई थी।

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पीड़ित परिवारों को आज तक इंसाफ नहीं मिल पाया है। इस मामले में तीन आरोपितों को भगौड़ा घोषित करके बठिंडा पुलिस ने खानापूर्ति कर दी है। इसके बाद उनको पकड़ने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। हालांकि बठिंडा के एसएसपी व एसआईटी सदस्य भुपिंद्रजीत सिंह विर्क का कहना है कि जहां से भी उनको गुप्त सूचना मिलती है तो वे आरोपितों को पकड़ने के लिए छापेमारी करते हैं। लेकिन अभी तक आरोपित उनकी पहुंच से बाहर हैं।

मौड़ बम ब्लास्ट

-ब्लास्ट की तारीख- 31 जनवरी 2017

-कितनों की मौत- पांच मासूमों सहित 7 की मौत

पुलिस की जांच अब तक

- बम में इस्तेमाल किया गया था अमोनियम नाइट्रेट

- कूकर से किया गया ब्लास्ट

- मारूति कार की गई थी इस्तेमाल

- मारूति डेरा सच्चा सौदा में की गई थी पेंट

- मारूति में डेरे में ही फिट की गई थी आईईडी (इम्प्रोवाइज एक्सप्लोजिव डिवाइसेस)

- घटनास्थल से 9 बार हुई थी फोन पर सिरसा कॉल

- चार गवाह अदालत में दे चुके हैं गवाही

- गवाहों की ओर से बताए गए चार आरोपितों को भगौड़ा दिया करार।

- हाइकोर्ट की फिटकार के बाद नई एसआईटी का गठन

- नई एसआईटी भी नहीं पहुंच पाई मामले की तय तक।

 

वादे भी नहीं हुए वफा

पीड़ित परिजनों का आरोप है,उस समय नेताओं ने उनके साथ वादे किये थे,लेकिन कोई भी वादा वफा नहीं हो पाया। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने की कोशिश की तो उनके ओएसडी ने बोल दिया कि सीएम साहिब व्यस्त हैं। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल से मिले तो उन्होंने बोल दिया कि वे उनकी कोई मदद नहीं कर सकते। तत्कालीन डीसी दीपर्वा लाकरा ने कहा था कि बहुत जल्दी आरोपितों को तलाश लिया जाएगा। लेकिन सभी गरिफ्त से बाहर हैं। उन्होंने बच्चों की यादगार बनाने का भी एलान किया था। लेकिन आज तक कोई यादगार नहीं बन पाई। कांग्रेसी नेता हरमंदर सिंह जस्सी की जनसभा में बम ब्लास्ट हुआ लेकिन बाद में वे कभी परिजनों का हाल जानने भी नहीं गए। 

हाईकोर्ट में गुहार

पीडि़तों परिवारों को जब इंसाफ न मिला तो उनकी ओर से हाइकोर्ट का दरबाजा खटखटा कर गुहार लगाई गई। हाईकोर्ट ने एसआईटी को फटकार लगाई और नई एसआईटी का गठन किया। लेकिन अभी तक  एसआईटी के हाथ खाली हैं। हाईकोर्ट की फटकार के बाद आरोपितों का चालान तो पेश कर दिया गया। लेकिन उनको अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका।

गिरफ्तारी के लिए छापेमारी है जारीः एसएसपी

मौड बम ब्लास्ट कांड के आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेामरी जारी है। उनको भगौड़ा करार दे दिया गया है। बहुत जल्द उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

भुपिंदरजीत सिंह विर्क,एसएसपी व एसआईटी सदस्य


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