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बारिश के बाद रेड जोन से निकल कर ग्रीन जोन में आया बठिंडा, लोगों ने ली राहत की सांस

दूषित हवा में सांस लेने वाले लोगों के लिए रविवार को हुई बारिश राहत लेकर आई है। इस बारिश के बाद बठिंडा रेड जोन से निकल कर ग्रीन जोन में पहुंच गया है। एक ही दिन में एयर क्वालिटी इंडेक्स भी 360 से गिरकर 93 पर पहुंच गया है।

By Edited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 05:00 AM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 10:55 AM (IST)
बारिश के बाद रेड जोन से निकल कर ग्रीन जोन में आया बठिंडा, लोगों ने ली राहत की सांस
दूषित हवा में सांस लेने वाले लोगों के लिए रविवार को हुई बारिश राहत लेकर आई है।

ठिंडा, जेएनएन। पिछले कई दिनों से दूषित हवा में सांस लेने वाले लोगों के लिए रविवार को हुई बारिश राहत लेकर आई है। इस बारिश के बाद बठिंडा रेड जोन से निकल कर ग्रीन जोन में पहुंच गया है। एक ही दिन में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) भी 360 से गिरकर 93 पर पहुंच गया है, जो सांस लेने के लिए संतोषजनक है। जबकि इससे पहले दीवाली के पटाखे चलने पर यह प्रदूषण का स्तर वेरी पुअर कैटेगरी में पहुंच गया था। हालांकि बीते 28 अक्टूबर से लगातार पराली को आग लगाए जाने के कारण ब¨ठडा का एक्यूआइ 200 से कम नहीं हो रहा था। इस कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों की गिनती भी लगातार बढ़ रही थी। मगर अब साफ हवा में सांस लेने से लोगों को राहत मिली है। बारिश के बाद सर्दी ने भी दस्तक दे दी है, जिसके चलते एक ही दिन में तापमान भी 27 डिग्री से लुढ़ककर 21 डिग्री पर पहुंच गया है। जो आने वाले दिनों में ओर भी कम होगा। बारिश के कारण विजिबिलिटी भी साफ हो गई।

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मौसम साफ हो जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। पराली जलाने के मामलों में वृद्धि होने के चलते सांस लेना काफी मुश्किल हो गया है। दूसरी तरफ मौसम में हुए अचानक से बदलाव से किसानों की परेशानी बढ़ गई। कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए मौसम में बदलाव नुकसानदायक साबित हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में भी बारिश की संभावना है, जिसके बाद धुंध पड़ने के साथ-साथ मौसम भी साफ रहेगा। इसके अलावा लोगों को बारिश के साथ पराली के धुएं से भी निजात मिली।

तापमान में गिरावट दर्ज की : डा. राजकुमार

मौसम विभाग के डा. राज कुमार ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 घंटों में बर्फबारी के कारण पंजाब, हरियाणा और दिल्ली एनसीआर सहित आसपास के इलाकों में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। इस मौसम का सबसे अधिक असर छोटे बच्चों पर पड़ता है। बुजुर्गों को भी इस मौसम में बीमारियों का खतरा अधिक होता है। ज्यादा गर्म या ठंडी चीजों का प्रयोग करने से जुकाम, बुखार, इंफेक्शन शुरू हो जाती है। दूसरी तरफ वायरल से बचने के लिए चिकित्सीय इलाज करवाने के साथ ही भाप का प्रयोग करें। एक साफ खुले बरतन में पानी उबालकर सिर पर कपड़ा ढक लें व नाक से भांप लेते हुए मुंह से छोड़ें। चिकित्सकों की माने तो करीब 10 मिनट यह प्रकिया अपनाएं। इससे अंदरुनी कीटाणु नष्ट होने के साथ-साथ बीमारी से भी राहत मिलती है।


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