बठिडा के 41 पुलिस मुलाजिमों ने पाई थी शहादत
बठिडा राज्य में आतंकवाद के दौरान जिले के 41 पुलिस कर्मचारियों ने अपनी जान कुर्बान कर दी थी।
जागरण संवाददाता, बठिडा: राज्य में आतंकवाद के दौरान जिले के 41 पुलिस कर्मचारियों ने आतंकवादियों के साथ लोहा लेते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। इसमें आठ एसपीओ तथा एक दर्जन पंजाब होमगार्ड के जवान भी शामिल थे। शहीद हुए इन जवानों के परिजनों को आज भी जब घटना की याद आती है, तो वह सिहर उठते हैं। शहीद सिपाही बलकरन सिंह की पत्नी छिदरपाल कौर बताती हैं कि 30 मार्च 1991 को जब उनके पति गांव होडले कलां के स्कूल में चल रही परिक्षाओं के दौरान ड्यूटी दे रहे थे, तो आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। इस दौरान उनके पति शहीद हो गए थे। तब उसके दोनों बेटे छोटे थे। गुरप्रीत सिंह आठ साल का तो सचप्रीत सिंह महज तीन साल का था। इसके बाद बड़े दुख झेलने पड़े हैं। बड़े बेटे को 18 साल के होने पर ही पुलिस में नौकरी मिली थी। गुरप्रीत आज हवलदार है। बाद में दूसरा बेटा भी पुलिस में भर्ती हो गया था। लेकिन अकसर आतंकवादियों के हमले की घटना याद आती है तो दिल सिहर उठता है। वहीं सिपाही साधू सिंह, एएसआइ गुरबचन सिंह, एएसआइ दियाल सरन, हवलदार शमशेर सिंह, एसआई हरभजन सिंह, सिपाही मलकीत सिंह, सिपाही दिलबाग सिंह, एएसआइ गुरनाम सिंह, सिपाही राम किशोर, सिपाही गुरमेल सिंह, सिपाही जरनैल सिंह, सिपाही अमरजीत सिंह, हवलदार सतपाल, सिपाही बलकरन सिंह, सिपाही हरगोबिद सिंह, हवलदार मेजर सिंह, हवलदार शेर सिंह, हवलदार गुरनाम सिंह, सिपाही करनैल सिंह, सिपाही गुरदास सिंह, एएसआई नाहर सिंह, एएसआई गुरमीत सिंह, सिपाही सुखदेव दास, सिपाही अनूप सिंह, सिपाही प्रेम प्रकाश, सिपाही शेर सिंह, सिपाही बलदेव सिंह, सिपाही कर्मजीत सिंह, सिपाही लखविदर सिंह, सिपाही इकबाल सिंह, एएसआई गुरदीप सिंह, हवलदार बलवंत सिंह भी आंतकवाद के दौरान शहीद हो गए थे। इसके अलावा एएसआइ जसमंदर सिंह, सिपाही गुरमेल सिंह, सिपाही जसविदर सिंह, हवलदार अमरजीत सिंह, सिपाही दर्शन सिंह, एसआई गुरचरन सिंह, सिपाही गुरचरन सिंह शामिल हैं। एसपीओ में आत्मा सिंह, जरनैल सिंह, हरपाल सिंह, छोटा सिंह, हरदेव सिंह, जगजीत सिंह, गुरचरन सिंह भी सरदूल सिंह शामिल हैं। इसके अलावा होमगार्ड जवानों में हरी सिंह, अशोक कुमार, जतिदर सिंह, कृपाल सिंह, मेजर सिंह, गुरजंट सिंह, हरजाप सिंह, जसपाल सिंह, टहल सिंह, केवल सिंह, दर्शन सिंह, जगजीत सिंह भी शहीद हुए थे।