पुलिस दर्ज केस रद नहीं करती तब तक समाजसेवी कार्य रहेंगे बंद
ब्लड बैंक में चार बच्चों के साथ एक महिला को एचआइवी रक्त चढ़ाने का मामला गरमाने लगा है।
जासं, बठिडा : बठिडा सिविल अस्पताल बठिडा में स्थित ब्लड बैंक में चार बच्चों के साथ एक महिला को एचआइवी रक्त चढ़ाने का मामला गरमाने लगा है। इसमें शहर की प्रमुख सामाजिक संस्थाओं ने बठिडा थैलेसीमिया एसोसिएशन के प्रधान पर सिविल अस्पताल प्रबंधन की तरफ से दर्ज करवाए गए केस का विरोध शुरू कर दिया है। पुलिस की तरफ से दर्ज किए गए इस केस को रद करने और मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग को लेकर शुक्रवार शाम को शहर की तमाम समाजसेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने डीसी रिहायश के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया। वहीं डीसी रिहायश को जाने वाली मेन सड़क को जाम कर दी। बैठक करने के उपरांत थैलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर पुलिस केस दर्ज करवाने के विरोध में शहर की सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के साथ विपक्षी राजनीतिक दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
इस संबंध में एसोसिएशन के पदाधिकारी डीसी से मिलने उनके निवास स्थान पर गए लेकिन डीसी के नहीं मिलने के बाद सभी संगठनों ने धरना दे दिया। इसमें सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने मामले में जल्द कोई पुख्ता कदम नहीं उठाया व गिरफ्तार एसोसिएशन पदाधिकारियों को रिहा कर मामला रद नहीं किया तो शहर में सभी तरह का सामाजिक कार्य बंद कर दिए जाएंगे।
उन्होंने संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने के साथ आरोपित लोगों पर बिना किसी देरी के कार्रवाई की मांग भी रखी। सदस्यों ने कहा कि सिविल अस्पताल के कुछ डाक्टरों ने जानबूझकर मामले को दबाने के लिए विरोध कर रहे थैलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर केस दर्ज करवाया है। जबकि असल दोषी जिम्मेवार अफसर व ब्लड बैंक कर्मी हैं, जोकि आए दिन लोगों की जान से खिलवाड़ कर उन्हें एचआइवी पाजिटिव रक्त बांट रहे हैं।
उधर, दूसरी तरफ पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन ने समाजसेवी संस्थाओं की ओर से केस रद करने की जा रही मांग गलत ठहराते हुए कहा कि अगर पुलिस ने ऐसा किया तो सभी डाक्टर अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इसके बाद मामला और भी गरमा गया है।