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शिअद के बागी तीन पार्षदों ने पकड़ा कांग्रेस का हाथ

शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा देने वाले तीन पार्षदों मास्टर हरमंदर ¨सह, बलजीत ¨सह राजू सरां, रा¨जदर ¨सह सिद्धू व ट्रक यूनियन के पूर्व प्रधान तथा पनग्रेन के डायरेक्टर टहल ¨सह बुट्टर व शिअद एसी ¨वग थर्मल के प्रधान गुरदीप भट्टी वीरवार को राज्य के वित्तमंत्री एवं क्षेत्र के विधायक मनप्रीत ¨सह बादल का हाथ पकड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 07:09 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 07:09 PM (IST)
शिअद के बागी तीन पार्षदों ने पकड़ा कांग्रेस का हाथ
शिअद के बागी तीन पार्षदों ने पकड़ा कांग्रेस का हाथ

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : शिरोमणि अकाली दल से इस्तीफा देने वाले तीन पार्षदों मास्टर हरमंदर ¨सह, बलजीत ¨सह राजू सरां, रा¨जदर ¨सह सिद्धू व ट्रक यूनियन के पूर्व प्रधान तथा पनग्रेन के डायरेक्टर टहल ¨सह बुट्टर व शिअद एसी ¨वग थर्मल के प्रधान गुरदीप भट्टी वीरवार को राज्य के वित्तमंत्री एवं क्षेत्र के विधायक मनप्रीत ¨सह बादल का हाथ पकड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए। गोलडिग्गी के पास सुभाष मार्केट में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मनप्रीत बादल ने उन्हें कांग्रेस में शामिल किया।

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पार्षद हरमंदर ¨सह ने कहा कि अगर वह शिक्षा विभाग की अपनी क्लास वन की नौकरी न छोड़ते तो आज वह डायरेक्टर पद पर होते। लेकिन उन्होंने शिअद नेता सरूप ¨सगला की वजह से अपनी नौकरी छोड़ी और शिअद के लिए बेइंतहा काम किया। शिअद राज नहीं सेवा के अपने नारे से अब भटक गया है। इस बड़े कारण तथा शहर के विकास को बुलंदी पर लेकर जाने के उद्देश्य को लेकर उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है। संधू के मुंह से भाषण के दौरान बार बार शिरोमणि अकाली दल निकलने से लोगों में हंसी के खूब फव्वारे छूटते रहे। ट्रक यूनियन के पूर्व प्रधान टहल ¨सह बुट्टर ने कहा कि उनकी समूची टीम ने मिलकर ही शिअद नेता सरूप ¨सगला को एमएलए बनाया था।

निगम के काम न करने के कारण ट्रस्ट से कराने पड़े काम

मनप्रीत बादल ने कहा कि वह इन नेताओं को शामिल करने के लिए ही दिल्ली से चलकर यहां आए हैं। वह उन्हें हमेशा अपने साथ रखेंगे। यह लोग नगर निगम पर काबिज अकाली-भाजपा गठबंधन की रीढ़ की हड्डी हैं। उन्होंने कहा कि यह बदकिस्मती है कि नगर निगम पर अकाली दल शाषित है। उनकी बदनामी करने के लिए ही विकास के काम नहीं किए जा रहे, जिसके चलते ही उन्हें इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से काम शुरु करवाने पड़े। निगम के काम न करने की वजह से ही अभी तक ब¨ठडा शहर को राज्य की कांग्रेस सरकार के 20 माह के कार्यकाल में केवल 29 करोड़ रुपये हासिल हो सके हैं। अगर ऐसा न होता तो यह राशि 200 करोड़ रुपये तक भी जा सकती थी। उन्होंने इन पार्षदों से आह्वान किया कि वह राज्य के बजट से पहले उन्हें ऐसे प्रोजेक्ट बनाकर दें ताकि शहर के विकास के लिए दो-तीन सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सके। राज्य सरकार के सवा लाख करोड़ रुपये के बजट में इतनी राशि कोई मायने नहीं रखती।

मोदी की तुलना सेबों की खराब पेटी से की

मनप्रीत ¨सह बादल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना सेबों की खराब पेटी के साथ की। उन्होंने कहा कि कई बार पेटी के ऊपर अच्छे सेब होते हैं, लेकिन नीचे से गले-सड़े सेब निकलते हैं। देश के लोगों के साथ भी ऐसा ही हुआ है। कांग्रेस विधायक कुलबीर जीरा पर हुई कार्रवाई के संबंध में उन्होंने कहा कि जिस फंक्शन में उन्होंने यह बाते बोलीं थी, उसमें वह भी मौजूद थे। लेकिन मसले निपटाने के बहुत तरीके होते हैं। जो तरीका तरीका जीरा ने अपनाया वह गलत था। अगर वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मिलते हैं तो हो सकता है उन्हें माफी मिल जाए। राहुल और सोनिया के दिल बहुत बड़े हैं। 20 फरवरी तक आचार संहिता लागू होने की संभावना

मनप्रीत ¨सह बादल ने कहा कि केंद्रीय बजट के तुरंत बाद ही पंजाब का बजट पेश किया जाएगा। संभवत 20 फरवरी तक कोड ऑफ कंडक्ट लागू हो जाए। पंजाब सरकार कोड आफ कंडक्ट से पहले पहले अपना बजट पेश कर देना चाहती। बजट में क्या होगा, इस मंच से कुछ बताना नियमों का उल्लंघन होगा।


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