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थर्मल कालोनी की कोठियां 15 दिन में करें खाली, नहीं तो होगी कार्रवाई

बठिडा के सिविल लाइन एरिया को थर्मल कालोनी में शिफ्ट करने की प्लानिग अब और भी तेज हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 11:58 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 05:04 AM (IST)
थर्मल कालोनी की कोठियां 15 दिन में करें खाली, नहीं तो होगी कार्रवाई
थर्मल कालोनी की कोठियां 15 दिन में करें खाली, नहीं तो होगी कार्रवाई

साहिल गर्ग, बठिडा : बठिडा के सिविल लाइन एरिया को थर्मल कालोनी में शिफ्ट करने की प्लानिग अब और भी तेज हो गई है। प्रशासन ने कालोनी में अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली कोठियों में रहने वाले अधिकारियों को 15 दिनों में मकान खाली करने के नोटिस जारी किए हैं। इसमें यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनके द्वारा 15 दिन में मकान खाली नहीं किए गए तो कार्रवाई की जाएगी। जबकि कोठियां खाली करवाने के पीछे तर्क दिया है कि सरकार के आदेशों के अनुसार सिविल लाइन एरिया की कोठियों में रहने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को थर्मल कालोनी में शिफ्ट किया जाना है। इसके बाद कोठियों की अलाटमेंट के लिए नए सिरे से काम किया जाएगा, जिसके लिए पहले कोठियों में रहने वालों को अलाटमेंट के लिए फिर से आवेदन करना होगा।

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दूसरी तरफ थर्मल कालोनी में कुल 143 कोठियां हैं। इसमें 105 कोठियों की प्रशासन अलाटमेंट कर सकता है तो 38 कोठियों की अलाटमेंट पीएसपीसीएल के हवाले है। प्रशासन के पास टाइप 7 की 2, टाइप 6 की 13 व टाइप 5 की 90 कोठियां हैं, जिसमें से टाइप 6 की 4 व टाइप 5 की सिर्फ 16 कोठियों में ही अधिकारी रह रहे हैं। इसके चलते बाकी सभी 85 कोठियां खाली पड़ी हैं। मगर ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि अगर प्रशासन ने सिविल लाइन एरिया में रहने वालों को शिफ्ट करना ही है तो खाली पड़ी 85 कोठियों में क्यों नहीं किया जा रहा। वहीं जो पहले से रह रहे हैं, उनके लिए 15 दिनों में नए मकान का इंतजाम करना मुश्किल हो जाएगा। बेशक प्रशासन उनको फिर से कोठी अलाट भी कर दे, मगर जब तक उनको अलाटमेंट नहीं होती, तब तक उनके लिए दूसरी जगह पर रहना मुश्किल काम है। फाइनेंशियल ईयर तक कोठी में रह सकेंगे

पंजाब सरकार के हाउस अलाटमेंट नियम 2009 के अनुसार अगर सरकारी कोठी में रहने वाले अधिकारी या कर्मचारी के बच्चे 40 किलोमीटर के रेडियस में रह कर पढ़ाई कर रहे हैं और हर रोज आते जाते हैं तो वह अकादमिक साल के एनुअल एग्जाम होने तक वहीं पर रह सकते हैं। मगर अब एकदम से प्रशासन की तरफ से आदेश जारी कर देना किसी की समझ में नहीं आ रहा। दूसरी तरफ पीएसपीसीएल के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स की 22 सितंबर को हुई मीटिग में फैसला किया गया था कि बठिडा जिला प्रशासन को थर्मल कालोनी की 985 कोठियां ट्रांसफर की जाती हैं। इनकी अलाटमेंट वह अपने लेवल पर कर सकता है। इसमें टाइप 7 की दो, टाइप 6 ही 13, टाइप 5 की 90, टाइप 4 की 40, टाइप 3 की 240, टाइप 2 की 296 व टाइप 1 की 304 कोठियां शामिल हैं। रिटायर्ड मुलाजिमों को दी है राहत

पीएसपीसीएल की ओर से अपने रिटायर्ड मुलाजिमों को राहत देते हुए तीन महीनों में कोठियां खाली करने के लिए बोला गया है। हालांकि इसके बाद किसी स्पेशल केस में उनको अलाटमेंट की जाएगी। जबकि यहां पर रहने वाले पीएसपीसीएल के अधिकारियों को लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट की कालोनी में शिफ्ट किया जाता है। यहां तक कि प्रशासन की ओर भेजे गए नोटिस को लेकर किसी भी प्रकार की योजना भी तैयार नहीं की गई। हालांकि सिविल लाइन एरिया में रहने वालों को शिफ्ट करने की लिस्ट जरूर तैयार हुई है। जबकि कालोनी को खाली करने को लेकर कई बार हंगामा भी हो चुका है। सरकार के आदेशों पर हुई कार्रवाई

थर्मल कालोनी में सिविल लाइन एरिया को शिफ्ट किया जाना है, जिसके लिए प्रोसेस चल रहा है। इसको देखते हुए ही यह नोटिस जारी किए गए हैं। मगर अलाटमेंट के दौरान हर एक व्यक्ति को कोठी दी जाएगी, जबकि प्रोसेस को फिर से करना होगा। यह सारी कार्रवाई पंजाब सरकार के आदेशों पर ही हो रही है।

बी श्रीनिवासन, डीसी, बठिडा


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