तीन स्कूलों में चार स्टाफ सहित 11 कोरोना पाजिटिव
शिक्षण संस्थानों में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को जिले के तीन स्कूलों में चार स्टाफ मेंबर सहित 11 कोरोना के मरीज सामने आए। शहर के देसराज सीनियर सेकंडरी स्कूल में एक सरकारी शहीद सिपाही संदीप सिंह सीनियर सेकंडरी स्कूल में एक व गांव चक्क रुलदू सिंह वाला के सरकारी स्कूल में दो स्टाफ मेंबर संक्रमित मिले।
जागरण संवाददाता, बठिडा : शिक्षण संस्थानों में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को जिले के तीन स्कूलों में चार स्टाफ मेंबर सहित 11 कोरोना के मरीज सामने आए। शहर के देसराज सीनियर सेकंडरी स्कूल में एक, सरकारी शहीद सिपाही संदीप सिंह सीनियर सेकंडरी स्कूल में एक व गांव चक्क रुलदू सिंह वाला के सरकारी स्कूल में दो स्टाफ मेंबर संक्रमित मिले। हालांकि बीते दिनों भी स्कूलों में कोरोना के पाजिटिव केस आने के बाद स्कूलों को सैनिटाइज करवाया गया था। चक्क रुलदू सिंह वाला में दो अध्यापकों को क्वारंटाइन कर दिया है।
दूसरी तरफ 65 लोगों की रिपोर्ट के नेगेटिव आई है। मगर केसों का लगातार बढ़ना चिता का विषय बना हुआ है। सेहत विभाग की रिपोर्ट के अनुसार उक्त स्कूलों के अलावा गुरु गोबिद सिंह नगर में एक, गांव भागीवांदर में एक, एयर फोर्स स्टेशन में एक व कैंट में चार लोगों की पाजिटिव रिपोर्ट आई है। बेशक कोरोना के केस लगातार बढ़ने के साथ पंजाब सरकार ने मास्क पहनने के अलावा अन्य सख्त हिदायतें जारी की हैं, लेकिन जिले में मास्क पहनने को लेकर कोई गंभीर नहीं है। शहर में हर जगह पर लोग बिना मास्क के ही घूमते हुए दिखाई देते हैं।
आंकड़े के मुताबिक पिछले 15 दिन में सरकारी स्कूलों व सरकारी वेटनरी कालेज के 35 से विद्यार्थी व अध्यापक कोरोना पाजिटिव मिल चुके है। शहर के माल रोड स्थित सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी दस टीचर कोरोना पाजिटिव मिल चुके हैं। स्कूल के पाजिटिव आए सभी टीचरों को होम आइसोलेट कर दिया गया है, जबकि उनके संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान कर उनके सैंपल लेने की तैयारी सेहत विभाग की तरफ से शुरू कर दी गई है। चिंता में अभिभावक
अध्यापकों व बच्चों के कोरोना पाजिटिव आने से अभिभावक भी चिता में है। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूलों में पढ़ाई करने के लिए भेजने से गुरेज कर रहे है। ऐसे में स्कूलों में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। वहीं कोरोना के केसों में लगातार इजाफा होने के बावजूद न तो सार्वजनिक स्थलों पर सख्ती की जा रही है व न ही शैक्षणिक संस्थानों में सख्ती देखने को मिल रही है।