Move to Jagran APP

सिविल अस्पताल के नवीनीकरण पर 4.38 करोड़ रुपये खर्च, मेन गेट पर बोर्ड तक नहीं लगवा पाए

वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बठिडा के जिला सिविल अस्पताल के नवीनीकरण पर 4.38 करोड़ की राशि जारी की थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 05:18 AM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 05:18 AM (IST)
सिविल अस्पताल के नवीनीकरण पर 4.38 करोड़ रुपये खर्च, मेन गेट पर बोर्ड तक नहीं लगवा पाए
सिविल अस्पताल के नवीनीकरण पर 4.38 करोड़ रुपये खर्च, मेन गेट पर बोर्ड तक नहीं लगवा पाए

जासं,बठिडा: वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बठिडा के जिला सिविल अस्पताल के नवीनीकरण पर 4.38 करोड़ की राशि जारी की थी। इस राशि से अस्पताल का कायापल्ट किया गया, लेकिन वर्तमान में स्थिति यह है कि अस्पताल के मेन गेट पर अस्पताल के नाम बोर्ड तक नहीं लग सका है। वहीं अस्पताल के दूसरे गेट पर निजी अस्पताल ने अपना अवैध कब्जा कर उस पर अपने अस्पताल का बोर्ड लगा रखा है। अब तक किसी भी अधिकारी की इस पर नजर नहीं पड़ी। अस्पताल में सिर्फ एंगल ही लगा है, वो भी गिरने की हालत में है। बाहर से आने वाले लोगों और इमरजेंसी के समय में अस्पताल के मेन गेट पर कोई बोर्ड न लगा होने के कारण कई बार परेशानी झेलनी पड़ती है। उनको सिविल अस्पताल का पता नहीं चलता है और वह प्राइवेट अस्पताल में पहुंच जाते हैं।

loksabha election banner

दूसरी तरह अस्पताल में व्याप्त कमियां यही समाप्त नहीं होतीं, बल्कि पिछले कई महीनों से सिविल अस्पताल के अंदर ओपीडी में जो भी मरीज आते हैं उन सभी का मोबाइल नंबर एक ही दर्ज किया जा रहा है। मोबाइल नंबर वहां तैनात कर्मी अपनी सुविधा के लिए 9000000000 लिख देते हैं जो हमेशा स्विच आफ ही होता है। दरअसल, सिविल अस्पताल बठिडा के अंदर ओपीडी में जो भी मरीज आते हैं, उनकी पर्ची बनती है। उस पर मरीज के पिता, पति, पत्नी या एटेंडेट का नाम भी नहीं लिखा जाता और पूरा पता भी नहीं लिखा जाता है, जबकि सॉफ्टवेयर में सभी कालम बने हुए हैं। मोबाइल नंबर व सवजन का नाम मरीज की स्थिति व मेडिकल सर्वे व किसी तरह की जांच के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मेडिकल सर्वे में भी लाभ मिलता है, लेकिन मरीज के बारे में सही व पूरी जानकारी नहीं होने से इस बाबत परेशानी झेलनी पड़ती है। कई बार मरीज रिपोर्ट भी एक-दूसरे की ले जाते हैं। केंद्रीय मंत्री से लेकर सीएम तक को भेजी लिखित शिकायत अस्पताल के नाम का बोर्ड न होने और ओपीडी में सभी मरीजों का एक ही मोबाइल नंबर लिखने और पूरा डाटा न भरने की लिखित शिकायत समाजसेवी व आरटीआइ एक्टिविस्ट संजीव गोयल ने केंद्रीय सेहत मंत्री, सेहत मंत्री पंजाब, मुख्यमंत्री पंजाब, पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉर्पोरेशन चंडीगढ़, डिप्टी कमिश्नर बठिडा, सिविल सर्जन बठिडा और एसएमओ बठिडा को भेजकर जल्द से जल्द इस तरफ ध्यान देने व लापरवाही के लिए जिम्मेवार लोगों पर बनती कार्रवाई करने के बारे में लिखा है। सिविल सर्जन दफ्तर की छत में पानी टपकने से आई दरार सेहत विभाग के मुखिया सिविल सर्जन दफ्तर का हाल भी काफी खराब है। पिछले तीन-चार दिन से सिविल सर्जन दफ्तर के मेन गेट की छत से लगातार पानी लीक हो रहा है, लेकिन कोई भी अधिकारी इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। लगातार पानी लीकेज के कारण दफ्तर की छत टूट रही है और उसमें दरारें आनी शुरू हो गई हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में कोई हादसा भी हो सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.