स्कूल खुलने के दो महीनों में 250 अध्यापक व बच्चे हुए कोरोना संक्रमित
जिले में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बठिडा: जिले में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। स्कूलों कालेजों के बच्चे व अध्यापक भी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। एक जनवरी से अब तक विभिन्न पड़ावों में खोले गए स्कूलों व कालेजों में 250 से ज्यादा बच्चे व अध्यापक संक्रमित हो चुके हैं। हालात यह भी बने कि जिले के तीन शिक्षण संस्थानों को ज्यादा केस आने की वजह से बंद भी करना पड़ा। वहीं अब पंजाब सरकार ने स्कूल कालेज बंद कर दिए हैं तो संचालक इसके विरोध में उतर आए हैं।
जिले में बेशक 250 से ज्यादा लोग सिर्फ स्कूलों में ही संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी स्कूल संचालक स्कूलों का खोलने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि यह बठिडा के लिए अच्छी बात है कि यहां पर कोरोना संक्रमण की वजह से किसी भी अध्यापक या बच्चे की मौत नहीं हुई। मगर स्कूल संचालक अब अपने साथ बच्चों को भी प्रदर्शन में उतारने की बात कर रहे हैं। मगर छोटे बच्चों के अभिभावक तो आज भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। दूसरी तरफ शिक्षक स्कूल बंद करने का विरोध कर रहे हैं, जिनका कहना है कि अगर स्कूलों में कोरोना के केस आ रहे हैं तो इनको रोकने के लिए सरकार को बंदोबस्त करना चाहिए, मगर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं करनी चाहिए।
तीन शिक्षण संस्थानों को करना पड़ा था बंद
जिले के 15 से ज्यादा विभिन्न सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के अलावा कालेजों में कोरोना के संक्रमित केस मिल चुके हैं। इस कारण तीन स्कूल व कालेजों को बंद भी करना पड़ा। इसमें सरकारी राजिदरा कालेज व माल रोड स्थित सरकारी सीनियर सेकंडरी स्कूल लड़कियां के अलावा रामपुरा का वेटरनरी कालेज शामिल हैं। शिक्षण संस्थानों के बंद करना उचित नहीं: रेशम
अध्यापक रेशम का कहना है कि शिक्षण संस्थानों के बंद रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हो रही है। अगर कोरोना संक्रमित के केस बढ़ रहे हैं तो सरकार को बंदोबस्त करना चाहिए कि इसको कैसे रोका जाए। शिक्षण संस्थानों को बंद करना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं है। बच्चों को स्कूल भेजने से लगता है डर: रोहित
अभिभावक रोहित कुमार का कहना है कि उनके बच्चे काफी छोटे हैं, मगर कोरोना के केस बढ़ने के कारण उनको अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी डर लगता है। मगर सरकार को ही कोरोना की रोकथाम के लिए प्रयास करने चाहिए।