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12 टीमों के 11 इंचार्ज ट्रांसफर, जांच अटकी, उम्मीद टूटी

फोटो- 300 से 324 इंसाफ का इंतजार : मौड़ मंडी ब्लास्ट का एक साल, पीड़ित बेहाल -जांच टीमों का गठन

By JagranEdited By: Published: Wed, 31 Jan 2018 01:14 AM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2018 01:14 AM (IST)
12 टीमों के 11 इंचार्ज ट्रांसफर, जांच अटकी, उम्मीद टूटी
12 टीमों के 11 इंचार्ज ट्रांसफर, जांच अटकी, उम्मीद टूटी

फोटो- 300 से 324

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इंसाफ का इंतजार : मौड़ मंडी ब्लास्ट का एक साल, पीड़ित बेहाल

-जांच टीमों का गठन करने वाले एसएसपी व आइजी का भी हो चुका है तबादला

-मृतक के परिजनों के जख्म आज भी हरे, सरकार वादे से मुकरी नहीं दी नौकरी

-32 में से 21 घायलों को दिए 50-50 हजार, घर व जमीन बेचकर करवा रहे उपचार

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गुरप्रेम लहरी, मौड़ मंडी (ब¨ठडा)

एक साल पहले मौड़ मंडी में कांग्रेस के नेता की रैली के दौरान हुए ब्लास्ट में पांच मासूमों सहित सात लोगों की जान चली गई थी और 32 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इंसाफ के इंतजार में एक साल बीत गया, लेकिन आज तक पुलिस एक भी आरोपी को नहीं पकड़ पाई। जांच के लिए बनाई गई 12 टीमों में से 11 के इंचार्ज ट्रांसफर हो चुके हैं और जांच अधर में है।

पीड़ितों की उम्मीद भी अब धूमिल होने लगी है। पुलिस जांच में किसी को पकड़ नहीं कर पाई और जिनके जिगर के टुकड़े छिन गए, सरकार उनके जख्मों पर मरहम तक नहीं लगा पाई। मारे गए बच्चों के परिवार से एक व्यक्ति को 21 दिन में सरकारी नौकरी देने का वादा करने वाली सरकार एक साल बाद भी नौकरी नहीं दे पाई। इस ब्लास्ट में चार बच्चों समेत सात लोगों की मौत हुई थी। 32 लोग घायल हुए थे। प्रशासन ने घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान किया था लेकिन सिर्फ 21 घायलों को मुआवजा दिया गया। कई घायल इलाज पर अपने लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं।

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जांच में बैटरी, कूकर व कार मिले आरोपी नहीं

31 जनवरी 2017 को मौड़ मंडी में कार में रखे कूकर में ब्लास्ट हुआ था। पुलिस को एक साल की जांच में बैटरी, कूकर और कार तो मिले लेकिन आरोपी नहीं मिले। तत्कालीन एसएसपी स्वप्न शर्मा ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए जिले से सभी अधिकारी लगा दिए थे। 12 टीमें बनाई गई थीं। चुनाव के बाद इन 12 टीमों के 11 अधिकारी ट्रांसफर हो गए और जांच अधर में लटक गई। इन टीमों की अगुवाई कर रहे आइजी निलभ किशोर व एसएसपी ब¨ठडा स्वप्न शर्मा का भी तबादला हो चुका है। आज तक इस मामले में पुलिस के हाथ खाली हैं।

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किस टीम का कौन था हेड

टीम नंबर 1 : द¨वदर ¨सह, डीएसपी मौड़

टीम नंबर 2 : बिक्रमजीत ¨सह, एसपी इनवेस्टीगेशन, ब¨ठडा

टीम नंबर 3 : अजय मलूका, एआइजी काउंटर इंटेलीजेंस, फिरोजपुर

टीम नंबर 4 : हर¨जदर ¨सह सोहल, डीएसपी स्पेशल (मोहाली),

सुलखन ¨सह, डीएसपी मलोट

टीम नंबर 5 : गुरप्रताप ¨सह सहोता, डीएसपी भुच्चो

टीम नंबर 6 : करनबीर ¨सह, डीएसपी फूल

टीम नंबर 7 : ह¨रदर ¨सह मान, डीएसपी सिटी

टीम नंबर 8 : बहादुर ¨सह राव, डीएसपी हेडक्वार्टर, मानसा (ट्रांसफर नहीं हुए)

टीम नंबर 9 : योगेश शर्मा, डीएसपी सिटी

टीम नंबर 10 : एचएस मान, डीएसपी सिटी

टीम नंबर 11 : विवेकशील सोनी, एसएसपी मानसा

टीम नंबर 12 : करनबीर ¨सह, डीएसपी फूल

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कोई थ्योरी नहीं कर पाई काम

पहली थ्योरी : तकनीकी जांच-

ब्लास्ट में अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया गया था। गाड़ी से मिले फटे कैन पर लगे तरल पदार्थ की जांच में यह खुलासा हुआ था। इसके आगे कुछ पता नहीं चला।

दूसरी थ्योरी : वाहन की पड़ताल

ब्लास्ट में मारुति कार का इस्तेमाल किया गया। कार में एक बाइक की फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई थी। कार का चेसी व इंजन नंबर मिटा दिया गाय था। इससे आगे गाड़ी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।

तीसरी थ्योरी : पुराने हादसों का अनुभव

ब्लास्ट में कूकर का इस्तेमाल किया गया था। कूकर से पहले हुए धमाकों के बारे में भी जांच की गई लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं आया।

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सात महीने बाद जारी किए स्कैच, फिर भी हाथ खाली

पुलिस ने ब्लास्ट के सात महीने बाद दो संदिग्धों के स्कैच जारी किए थे। इसके बाद पांच महीने बीत जाने पर भी पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है।


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