जू में वेटरनरी अस्पताल तो बना परंतु नहीं हुई डॉक्टरों की तैनाती
राजेश नेगी, ब¨ठडा मालवा के एक मात्र मिनी जू कम डियर सफारी में रह रहे जानवरी व पक्षियों के सेहत की
राजेश नेगी, ब¨ठडा
मालवा के एक मात्र मिनी जू कम डियर सफारी में रह रहे जानवरी व पक्षियों के सेहत की स्क्री¨नग ठीक ढंग से नहीं हो पा रही है। इसका मुख्य कारण है कि मिनी जू कम डियर सफारी में रेगुलर वेटनरी डाक्टर की तैनाती नहीं है। वन विभाग के अधिकारियों को कहना है कि रेगुलर डाक्टर की तैनाती अस्पताल में करने को उच्च अधिकारियों को कहा जा चुका है। वेटरनरी डॉक्टर रुटीन में जानवरों की जांच करते रहते हैं।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने किया था अस्पताल का उद्धाटन
मिनी जू कम डियर सफारी के भीतर विभाग के तरफ से एक वेटनरी अस्पताल बनाया गया है। इस अस्पताल का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने 24 दिसंबर 2016 को किया था। जू के भीतर वेटनरी अस्पताल खोलने का मकसद था कि जू में रखे जानवरों व पक्षियों की सेहत की जांच उचित ढंग से होती रहे। लाखों रुपये खर्च कर अस्पताल की इमारत बनाई गई। अस्पताल अधिकांश समय खाली खाली से नजर आता है। डॉक्टर व दूसरे स्टाफ की कमी का दंश जू के जानवर झेल रहे हैं। शहर के सरकारी वेटनरी अस्पताल के वेटरनरी डॉक्टर जू में जाते हैं।
इनफेक्शन से हो चुकी है तेंदुए की मौत
मिनी जू कम डियर सफारी में तेंदुए को भी रखा गया है। कुछ दिनों पहले जू में मादा तेंदुए सलमा की मौत हो गई थी। तेंदुए के पोस्टर्माटम रिर्पोट से खुलासा हुआ था कि सलमा की मौत का कारण इनफेक्शन था। इससे एक बात तो साफ है कि अगर जू में वेटनरी डाक्टर की रेगुलर तैनाती होती तो सलमा की मौत जल्दी से न हो पाती। समय समय पर जानवरों की वैक्सीनेशन होना भी लाजमी है। स्टाफ की कमी के चलते जू में हेल्थ सर्विस जानवरों को सही समय व सही ढंग से नहीं मिल पा रही है।
कोट्स
मिनी जू कम डियर सफारी में वेटरनरी अस्पताल बना हुआ है। स्टाफ की कमी के चलते डाक्टर का रेगुलर पद खाली पड़ा है। विभाग समय समय पर जानवरों व पक्षियों की जांच करता रहता है।
पवन श्रीधर,रेंज आफिसर, बीड़ तलाब ब¨ठडा।