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टीबी के मरीजों के लिए जल्द खुलेगा डीआरटीबी सेंटर

राजेश नेगी, ब¨ठडा : टीबी के रोगियों के लिए एक राहत भरी खबर है। सेहत विभाग जल्दी ही जिले में डीआरटीबी

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 07:45 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 07:45 PM (IST)
टीबी के मरीजों के लिए जल्द खुलेगा डीआरटीबी सेंटर
टीबी के मरीजों के लिए जल्द खुलेगा डीआरटीबी सेंटर

राजेश नेगी, ब¨ठडा : टीबी के रोगियों के लिए एक राहत भरी खबर है। सेहत विभाग जल्दी ही जिले में डीआरटीबी (ड्रग रसिस्टेंट ट्रीबीयोक्लोसिस सेंटर) की शुरुआत करने जा रहा है। इस सेंटर को खोलने के लिए विभाग ने जगह के चुनाव का काम को शुरू कर दिया है। उचित जगह मिलते ही डीआरटीबी की शुरुआत जिले में हो जाएगी। एमडीआर के मरीजों को अपने इलाज के लिए फरीदकोट मेडिकल कॉलेज नहीं जाना पड़ेगा। जिला टीबी आफिसर डॉ. रोजी ने इस बात की पुष्टि की है।

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गौर हो कि टीबी के मरीजों को विभाग छह से नौ माह तक की दवा मुफ्त में देता है। वहीं उसके जरूरी टेस्ट भी विभाग के तरफ से मुफ्त में किए जाते हैं। जिला तपेदिक ऑफिसर डॉ. रोजी ने बताया कि उनके पास 2040 मरीज इनरोल हुए हैं। वहीं शहर में मरीजों को डोर स्टेप तक सेहत सुविधा देने के लिए शहर में 72 डाट सेंटर भी खोले हैं। जहां से मरीज अपनी दवा लेते हैं।

एक गोली की कीमत 5 हजार

विभाग एक विदेशी दवा को भी टीबी के मरीजों को देने की योजना बना रहा है। एक गोली की कीमत करीब पांच हजार रुपए बताई जा रही है। इस विदेशी दवा (विडाक्लाइन) से टीबी के मरीजों को काफी लाभ मिलेगा।

जिले में 2040 मरीज बीमारी की चपेट में, 72 डाट सेंटर

सेहत विभाग के अनुसार पिछले साल 2017 में 2040 मरीजों ने टीबी की दवा सेहत विभाग से मुफ्त में ली। सभी मरीजों का फालोअप भी विभाग की तरफ से किया जा रहा है। यहां बताना जरूरी है कि सरकार तपेदिक मरीजों का इलाज मुफ्त में करता है। विभाग लोगों को टीबी की बीमारी के बारे में जागरूक भी कर रहा है।

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एमडीआर केस फरीदकोट होते हैं शिफ्ट

टीबी के एमडीआर केस का इलाज फिलहाल फरीदकोट मेडिकल कॉलेज में किया दाता है। यह वह मरीज होते हैं जिन्हें रोग से छुटकारा दिलवाने के लिए मल्टी ड्रग विभाग के तरफ से दिया जाता है। विभाग के आंकडों के अनुसार एमडीआर के 21 केस जिले में हैं। इन्हें भी विभाग की तरफ से मेडिसन मुफ्त में दी जाती है।

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एक्सरे के लिए ड्राक रूम नहीं

टीबी अस्पताल को सिविल अस्पताल के पुराने नशा छुड़ाओ सेंटर की पुरानी इमारत में फिलहाल चलाया जा रहा है। गौर हो कि अधिकांश मरीजों को एक्सरे की जरूरत पड़ती है। फिलहाल टीबी अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों के एक्सरे नहीं हो पा रहे हैं। एक्सरे मशीन को ड्राक रूम न होने के चलते नहीं चलाया जा रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस संबंधी उच्च अधिकारियों को लिखा जा चुका है।


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