चिट्टा रखने के मामले में तीन को लिया दो दिन के रिमांड पर
बरनाला गांव सोड़ा पत्ती में 28 जून की देर रात गगनदीप सिंह को गिरफ्तार किया है।
जागरण संवाददाता, बरनाला :
गांव सोड़ा पत्ती में 28 जून की देर रात गगनदीप सिंह की नशे के अधिक सेवन से मौत हो गई थी। पुलिस ने नशे की सप्लाई व नशे से मौत पर सवाल खड़े हो गए थे। जिसके बाद इस मामले में जांच के दौरान सात लोगों को नामजद किया गया था।
उक्त आरोपितों में सी टाइप का गैंगस्टर हरदीप सिंह उर्फ दीपा निवासी महलकलां जिस पर मारपीट के 22 मामले दर्ज हैं, के साथ हरविदर सिंह उर्फ लाडी निवासी नानकसर रोड महलकलां, हरप्रीत सिंह, केवल कृष्ण निवासी महलकलां शामिल हैं, जिनको चार जुलाई को जेल भेज दिया गया। जबकि अन्य तीन को अर्शदीप सिंह उर्फ बिट्टू गैंगस्टर के साथी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्शी निवासी बख्तगढ़ हाल आबाद महलकलां, रुपिदर कुमार उर्फ सोनी, जतिदर कुमार उर्फ बब्ली निवासी महलकलां को जज विनित सिंह की अदालत में पेश करके दो दिन का पुलिस रिमांड हासिल करके पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि इन आरोपितों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ में अहम खुलासे की उम्मीद है।
वरिदरपाल कौर ने कहा कि उसका पति वेरका मिल्क में 7600 रुपया पर कई वर्षों से नौकरी करता था, वहीं वह कांट्रैक्ट पर सरकारी प्राइमरी स्कूल महलकलां में 6 हजार पर नौकरी करती है। उनके पास न तो अपनी औलाद है व न ही अपना खुद का मकान है। उनके दो बच्चों की मौत हो चुकी है। वह पिछले पांच वर्षों से किराए के मकान पर रहते हैं व 13 हजार पर गुजारा करते हैं। अगर उसका पति चिट्टा बेचता तो उनके पास किसी भी चीज की कमी नहीं होती व हर सुविधा होती। उनके पास आज गाड़ी, मकान, कपड़ा, हर प्रकार की सुविधा होती। परंतु उसके पति को चिट्टा के झूठे केस में फंसाया गया है व बिना किसी मंजूरी 15 लोगों ने उनके घर में घूस करके 30 जून की रात उसके घर की छानबीन करके उसके पति को नहाते हुए उठा ले गए व जेल भेज दिया है। वह 5 दिनों से कुछ नहीं खाए है व इंसाफ की मांग को लेकर भटक रही है। उसने कहा कि उनके हंसते खेलते परिवार को फंसाया जा रहा है व जिदगी बर्बाद की जा रही है। इंसाफ को लेकर वह थाना प्रभारी, केस इंचार्ज, एएसपी,डीएसपी से गुहार लगाई जा चुकी है। मामले की जांच चल रही : एसएसपी
एसएसपी संदीप गोयल व इस केस के मुख्य जांच अधिकारी एएसपी प्रज्ञा जैन के सरकारी नंबर पर संपर्क की कोशिश तो बंद आ रहा था।