बरनाला में किसान मजदूर एकता महारैली में पहुंचे हजारों किसान व संगठन
केंद्र सरकार द्वारा पास कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए भाकियू एकता (उग्राहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के आह्वान पर दाना मंडी बरनाला में रविवार को महारैली का आयोजन किया गया।
हेमंत राजू, सोनू उप्पल, बरनाला :
केंद्र सरकार द्वारा पास कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए भाकियू एकता (उग्राहां) और पंजाब खेत मजदूर यूनियन के आह्वान पर दाना मंडी बरनाला में रविवार को महारैली का आयोजन किया गया। इस महारैली में हजारों की संख्या में किसान मजदूर शामिल हुए। महारैली में खेत मजदूरों और किसानों सहित महिलाओं द्वारा बड़ी संख्या में भागीदारी की गई। रैली में युवाओं, छात्रों, कर्मचारियों के विभिन्न वर्गों, कुलवंत सिंह संधू और रुल्लू सिंह मनसा, किरनजीत सिंह सेखों, बलदेव सिंह निहालगढ़, पवितर सिंह लाली, हरपाल सिंह बुलारी (उत्तर प्रदेश), सुखदेव सिंह कोकरी कलां, लोकतांत्रिक अधिकारों के कार्यकर्ताओं, देशभक्तों, लेखकों, बुद्धिजीवियों व अन्य संगठनों ने भाग लिया। मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हुए। महारैली के दौरान 27 फरवरी को दिल्ली मोर्चा में शामिल होने के लिए पहुंचने की अपील की गई। वहीं महिलाओं के लिए 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली मोर्चा में शामिल होने के लिए एक विशेष आह्वान किया गया। पंजाब और दिल्ली में चल रही रैलियों में 23 फरवरी को पगड़ी संरक्षण जट्ट आंदोलन के नायक शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह का जन्मदिन मनाने का एलान किया गया।
भाकियू एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष, जोगिदर सिंह उग्राहां ने कहा कि किसान संघर्ष को मजबूत करने के लिए, संघर्ष में खेत मजदूरों सहित अन्य वर्गों की भागीदारी बहुत ही जरुरी है। देश भर के किसानों की एकता को मजबूत किया जाना चाहिए। 26 जनवरी की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने संघर्ष में घुसपैठ करने वाले विदेशी ताकतों के माध्यम से संघर्ष को एक विशेष संप्रदाय के रूप में दर्शाने की कोशिश की है और इस तरह इसे सांप्रदायिक राष्ट्रवाद के हमले के तहत बनाने की कोशिश जा रही है जिसने देश भर के किसानों को प्रभावित किया है। उन्होंने आंदोलन और फर्जी मामलों को खारिज करने के दौरान गिरफ्तार सभी किसानों को तुरंत रिहा करने की मांग की है व संघर्ष की चेतावनी दी।
रैली को संबोधित करते हुए, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक किसान आंदोलन है। हमें इसको सफल बनाने के लिए, आपसी एकता को मजबूत बनाने के लिए जाति, धर्मों और यूनियनों से ऊपर उठना होगा, तभी संघर्ष को जीता जा सकता है। पंजाब फार्म वर्कर्स यूनियन के राज्य सचिव, लछमन सिंह सीवेवाला ने कहा कि कृषि कानूनों का यह मुद्दा कृषि श्रमिकों की आजीविका और रोजगार के लिए एक बड़ा झटका होगा।
बीकेयू एकता (उगराहां) की महिला शाखा की नेता हरिदर कौर बिदू ने कहा कि महिलाओं ने अब तक इस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि और श्रमिक नेता नौदीप कौर की गिरफ्तारी की निदा की और उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग की। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष झंडा सिंह जेठुके ने कहा कि यह संघर्ष पंजाब के सभी मजदूर वर्गों का संघर्ष होना चाहिए।