कनाडा जाकर धोखा देने वाले युवक-युवतियों को सताने लगा डिपोर्ट होने का डर
पढ़ाई की आड़ में कनाडा पक्के होने के लिए विवाह करवाने उपरांत धोखा देने वाले युवक-युवतियों की खैर नहीं। पंजाब में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बरनाला
पढ़ाई की आड़ में कनाडा पक्के होने के लिए विवाह करवाने उपरांत धोखा देने वाले युवक-युवतियों की खैर नहीं। पंजाब में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। विदेशी पत्नियों के सताए कई पतियों ने बरनाला के गांव पहुंची मनीषा गुलाटी को अपने दुखड़े सुनाए तो खुलासे हुए।
कोटकपूरा की मनप्रीत कौर पुत्री गुरजंट सिंह का विवाह जगजीत सिंह पुत्र हरभजन सिंह निवासी सैदेवाला से हुआ था। जगजीत सिंह ने बताया कि लाखों रुपये खर्च किए कितु मनप्रीत ने बात करना भी जरूरी नहीं समझा। मनदीप सिंह पुत्र रणजीत सिंह का विवाह परमिदर कौर पुत्री लखवीर सिंह निवासी लुधियाना के साथ हुआ था। मनदीप सिंह ने बताया कि पत्नी तो तीस लाख रुपये के करीब खर्च करके विदेश भेजा था। गांव काहनेके की मनप्रीत कौर ने गांव गेहलां के युवक से भी इसी तरह किया। जिसमें युवक ने करीब 40 लाख रुपये खर्च करके युवती को कनाडा भेजा जबकि युवक अभी पंजाब में है। डकाला की युवती चरणजीत कौर ने लौंगोवाल के युवक गुरजीत सिंह से विवाह करवाया व पढ़ाई के लिए कनाडा चली गई। कैनेडा पहुंचने पर गुरजीत उसे नापसंद हो गया व अभिभावकों का 35 लाख के करीब लगा पैसा व्यर्थ हो गया। रमनदीप कौर निवासी अतर सिंह वाला ने गगनदीप सिंह निवासी बरनाला से विवाह करवाया व कनाडा ले जाने का वादा किया कितु वादा पूरा नहीं किया। जसविदर सिंह का विवाह अमनवीर कौर निवासी चौहानके से हुआ। युवक की माता परमजीत कौर ने बताया कि अमनवीर कौर की 11 वर्षीय लड़की भी उनके पास है। युवती को उन्होंने 20 लाख के करीब खर्चा करके कनाडा भेजा था। अमनवीर कौर वहां जाकर अपने बच्चे को भी भूल गई। धनौला के कमल कुमार ने बताया कि उसका विवाह प्रियंका रानी से हुआ था जिसे विदेश भेजने का सारा खर्चा उसने किया कितु विदेश जाकर प्रियंका ने बातचीत करना बंद कर दिया। इसी तरह लोहट बद्दी निवासी लवप्रीत सिंह, गांव पंजेटा निवासी सुखविदर सिंह, बल्लोके गांव निवासी राजू, फतेह सिंह नगर निवासी शिदर सिंह पुत्र चंद सिंह की पत्नियों ने उन्हें धोखा दिया है।
लवप्रीत की मौत के बाद पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी ने ठगी करने वालों के खिलाफ उठाए मुद्दे से लगता है कि अब बाहर जाकर ठगी करने वाले विद्यार्थियों को डिपोर्ट होने का डर सताने लगा है।