श्रद्धालुओं का वृंदावन बना गीता भवन
संवाद सहयोगी, बरनाला : शहर में स्थापित गीता भवन धर्म प्रेमियों व श्रद्धालुओं की आस्था का कें
संवाद सहयोगी, बरनाला : शहर में स्थापित गीता भवन धर्म प्रेमियों व श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। श्रद्धालु यहां हर रोज सुबह शाम श्री राधा कृष्ण जी की पूजा करने आते है।
इतिहास
गीता भवन ट्रस्ट के प्रबंधक राजेश कांसल राजू, श्री कृष्ण भक्त सुनील कांसल ने बताया कि गीता भवन की स्थापना करीब 55 साल पहले संत अच्युतानंद जी महाराज ने की थी। उन्होंने बताया कि सन 1963 में फरवाही बाजार में संत अच्युतानंद जी महाराज श्री मद भागवत सप्ताह की कथा में प्रवचन कर रहे थे कि अचानक बारिश होने लगी तो संत अच्युतानंद जी महाराज ने कथा सुन रहे श्रद्धालुओं को गीता भवन निर्माण के लिए प्रेरित किया, तो श्री कृष्ण भक्त पवन कुमार कांसल, कांसल परिवार, ने सर्व प्रथम भूमि दान दिया व 9 नवंबर सन 1964 में गीता भवन मंदिर की नींव उपस्थित गण्यमान्यों व श्रद्धालुओं ने रखी, सन 1967 में गीता भवन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए तैयार हो गया था।
विशेषता
गीता भवन में विधि पूर्वक श्री राधा कृष्ण जी की पूजा करने से मन्नतें अवश्य पूरी होती है। मन्नतें पूरी होने से श्रद्धालु तुलसी दल व माखन मिश्री का प्रसाद चढ़ाते है। मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं में अथाह श्रद्धा है इसलिए वह इसे वृंदावन भी कहते है।
इसका प्रमाण है कि इस मंदिर में हर रोज सुबह-शाम शहर के हर वर्ग के श्रद्धालु पूजा करने आते है। हर 15 तारीख को मंदिर में श्री राधा कृष्ण जी की महा आरती करके गुणगान किया जाता है।
मंदिर के पुजारी पंडित कौशल पति चर्तुवेदी व रा¨जदर गार्गी ने बताया कि मंदिर में सर्व धर्म प्रचार के लिए श्री केशव पुस्तकालय व श्री सरस्वती कैसेट केन्द्र चलता हैं। संतों मुनियों के लिए भोजन व ठहरने के लिए विशेष प्रबंध हैं। यहां श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष रूप से मनाई जाती है।