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बरनाला-लुधियाना, बरनाला-मोगा, बरनाला-बाजाखाना हाइवे तीन घंटे किया जाम

कृषि अध्यादेश रद करवाने के लिए 11 किसान संगठनों में शामिल सैकड़ो किसानों की ओर से बस ट्रैक्टर मोटरसाइकिल कार जीप समेत अन्य वाहनों पर सवार होकर रोड़ जाम कर धरना किया धरना गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 05:24 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 05:11 AM (IST)
बरनाला-लुधियाना, बरनाला-मोगा, बरनाला-बाजाखाना हाइवे तीन घंटे किया जाम
बरनाला-लुधियाना, बरनाला-मोगा, बरनाला-बाजाखाना हाइवे तीन घंटे किया जाम

जागरण संवादताता : बरनाला : कृषि अध्यादेश रद करवाने के लिए 11 किसान संगठनों में शामिल सैकड़ो किसानों की ओर से बस, ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल, कार, जीप समेत अन्य वाहनों पर सवार होकर रोड़ जाम कर धरना किया धरना गया। रोड़ जाम के दौरान गुस्साए किसान सरकार की ओर से दी गई हिदायतों का पालन करना भूल गए। किसानों द्वारा न तो मास्क लगाया गया था और न ही शारीरिक दूरी का पालन किया गया।

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कृषि अध्यादेश रद करवाने के लिए 11 किसान संगठनों की ओर से दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक बरनाला-लुधियाना, बरनाला-मोगा, बरनाला-बाजाखाना हाइवे पूरी तरह से जाम किया गया, जिसके कारण वाहनों की लंबी लाइनें लग गई। पुलिस की ओर से बरनाला रायकोट रोड से लुधियाना की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए गांव सहजड़ा से महलकलां अनाज मंडी से आगे पैट्रोल पंप के रास्ते डायवर्ट किया गया। वहीं बरनाला-मोगा, बरनाला-बाजाखाना हाइवे के रास्ते वाले वाहन चालकों को गांव उग्गोके से पक्खो कैचियां डायवर्ट करके निकाला गया। किसानों की ओर से एंबुलेंस को रास्ता दिया गया।

रोड़ जाम को लेकर जिले के कस्बा धनौला, तपा, भदौड़, महलकलां, बरनाला, संगरुर, बड़बर समेत विभिन्न जगहों से सैकड़ों किसान शहर में से वाहनों का काफिला लेकर पहुंचे। उमस भरी गर्मी में किसानों का हौसला ठंडा नहीं हुआ और किसानों ने जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। उन्होंने कहा कि 16 सितंबर को लुधियाना में रखी गई बैठक के बाद कृषि अध्यादेश रद करवाने के लिए 11 किसान संगठनों द्वारा अगले संघर्ष का ऐलान किया जाएगा।

आज 11 किसान संगठन लुधियाना में करेंगे प्रदर्शन

किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पांच जून 2020 को केंद्र सरकार द्वारा किसानों को गुलाम बनाने व उनको खत्म करने के लिए किसान विरोधी तीन अध्यादेश पास किए गए। इसमें किसानों का एमएसपी, भंडारण व निजी कंपनियों के हाथों खेती देना चाहती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश को उस समय लागू किया गया जब देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा इसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 16 सितंबर को लुधियाना में रखी गई बैठक में संघ द्वारा संघर्ष का ऐलान किया जाएगा।


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