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कहीं ट्रैफिक सिग्नल न स्पीड ब्रेकर, कहीं खस्ताहाल सड़कें हादसों का कारण

नेशनल हाईवे से लेकर मेन रोड पर आए दिन कोई न कोई हादसा होना आम बात हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 03:41 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 03:41 PM (IST)
कहीं ट्रैफिक सिग्नल न स्पीड ब्रेकर, कहीं खस्ताहाल सड़कें हादसों का कारण
कहीं ट्रैफिक सिग्नल न स्पीड ब्रेकर, कहीं खस्ताहाल सड़कें हादसों का कारण

सोनू उप्पल, बरनाला : नेशनल हाईवे से लेकर मेन रोड पर आए दिन कोई न कोई हादसा होना आम बात हो गई है। इन दुर्घटनाओं का कभी बेजुबान बेसहारा पशु तो कभी ट्रैफिक सिस्टम की खामियां कारण बनती हैं, लेकिन न तो स्थानीय ट्रैफिक-पुलिस प्रशासन और न ही हाईवे कंपनी इन खामियों को दूर करती है। नतीजन हर साल सैकड़ों सड़क हादसों में कई लोगों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इन दिनों सर्दी के कारण धुंध बढ़ गई है। ऐसे में ट्रैफिक सिस्टम की खामियां लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं।

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सेखा चौक पर फेल सिस्टम से गई 34 लोगों की जान

बरनाला-लुधियाना रोड के पास सेखा चौक पर न ट्रैफिक सिग्नल, न स्पीड ब्रेकर, न रोड मिरर और न ही अन्य ट्रैफिक सिग्नल हैं। विगत तीन साल में सर्दी के दौरान धुंध के दिनों में इस रोड पर कभी बेसहारा पशु, तो कभी तेज रफ्तार वाहन हादसे का कारण बने। अब तक 34 लोग जान गंवा चुके हैं।

अवैध कट बन रहे लोगों की मौत का कारण

बठिडा से लेकर संगरूर के रास्ते नेशनल हाईवे बठिडा-चंडीगढ़ तपा से बड़बर तक अवैध कट बने हैं। यहां आए दिन एक से दो अवैध कट का निर्माण हो रहा है, परंतु नेशनल हाईवे अथारिटी इन कटों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। लोगों ने खुद की सुविधा के लिए कट बनाए हैं, जो हादसों का कारण बन रहे। इन कटों के कारण औसतन हर साल 10 लोगों को जान गवाई पड़ती है।

कई खस्ताहाल रोड बन रहे हादसों का कारण

जिले में कई ऐसे खस्ताहाल रोड हैं जो हादसों का कारण बन रहे हैं। परंतु नेशनल हाईवे, पीडब्लयूडी से लेकर लोकल प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अगर बात सेखा रोड, ढिलवां रोड, भदौड तपा रोड, तपा ताजोके रोड, संघेडा रोड और फरवाही रोड समेत विभिन्न रोड की बात करें, तो इन सड़कों पर गहरे गड्ढे, बिखरी बजरी व पत्थर दो पहिया वाहन चालकों के लिए दिक्कत का कारण बन रहे हैं। वहीं चार पहिया वाहन गड्ढों से बचाव में ओवरटेक करते हादसों का कारण बन जाते हैं।

लोगों ने कहा, प्रशासन को ध्यान देना चाहिए

शहरवासी सुरिदर बंटी ने कहा कि बेसहारा पशुओं के कारण सड़क हादसे की संख्या अधिकतर है, प्रशासन को बेसहारा पशुओं का समाधान करना चाहिए। अगर बेसहारा पशुओं को घटा दिया, तो हादसे भी कम हो जाएंगे। जगदीप जग्गी ने कहा कि सड़क की खस्ताहालत के कारण हादसे हो रहे हैं, परंतु हाईवे पर टैक्स वसूलने के बावजूद कोई सुविधा नहीं है। प्रशासन को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। साहिल जैन व लक्खी ने कहा कि सड़कों पर बीच सड़क व किनारे खड़े ओवरलोड व भारी वाहन हादसे का कारण बनते हैं। वहीं धुंध में विजिविलिटी कम होने से हादसा आम बात है, परंतु ट्रैफिक पुलिस इस ओर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।


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