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किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

कृषि कानून को लेकर रेलवे स्टेशन बरनाला पर किसानों ने धरना लगाया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 10:54 PM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 10:54 PM (IST)
किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

संवाद सहयोगी, बरनाला : कृषि कानून को लेकर रेलवे स्टेशन बरनाला पर किसानों ने पंजाब कमेटी के आह्रवान पर भूख हड़ताल रखी है। जिसमें अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर किसान संघर्ष करेंगे। केंद्र के विरोध में किसानों द्वारा 82 दिनों से रेलवे स्टेशन पार्किग, आधार माल, बरनाला बाजाखाना रोड शापिग माल, धनौला, संघेड़ा, पेट्रोल पंप समेत बड़बर व महलकलां टोल प्लाजा पर पक्का मोर्चा जारी रखा गया। वहीं 68 दिनों से भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शंटी व 50 दिनों से भाजपा पंजाब नेता अर्चना दत्त समेत जिले में 12 जगहों पर कृषि कानून को रद्द करवाने के लिए पक्का मोर्चा लगाया हुआ है। किसानों ने कहा कि दिल्ली में किसानों द्वारा लगातार संघर्ष किया जा रहा है व किसान सर्दी के बावजूद डटे है। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानून रद्द की मांग पूरा होने पर ही संघर्ष खत्म किया जाएगा व अगर बिल खत्म नहीं हुए, तो संघर्ष भी खत्म नहीं होगा।

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उधर संगरूर में इंकलाबी जम्हूरी मोर्चा पंजाब के प्रांतीय प्रधान स्वर्णजीत सिंह, क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन के प्रधान धर्मपाल सिंह, क्रांतिकारी किसान यूनियन के जिला कनवीनर जगसीर सिंह नमोल, पंजाब रेडिकल स्टूडेंट्स यूनियन के नेता गुरविदर सिंह ने संगरूर के एसडीएम द्वारा नौ दिसंबर को टेंट व साउंड कारोबारियों को बिना मंजूरी के लगने वाले धरने प्रदर्शन के लिए टेंट का साउंड न देने की जारी की हिदायतों की निदा की। उन्होंने कहा कि हिदायत में कहा गया है कि कोई भी टेंट व साउंड कारोबारी बगैर प्रशासन की मंजूरी के किसी को धरने व प्रदर्शन के लिए टेंट, दरियां, साउंड अन्य सामान न देने का निर्देश दिया है। हिदायत की उल्लंघना करने पर उक्त कारोबारी पर कार्रवाई की जाएगी व सामान जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने लोगों पर तरह-तरह के टैक्स लगाकर जीना मुहाल कर दिया है। सरकार ने अपने चुनाव के समय नशा खत्म करने, रोजगार देने, शिक्षा का प्रबंध, फ्री इलाज, बुढ़ापा पेंशन आदि किए वादे अभी तक पूरे नहीं किए। उन्होंने कहा कि सरकार ने टेंट वाले कारोबारियों को हिदायतें देकर अपना गैर जम्हूरी व लोक विरोधी चेहरा पेश किया है। उन्होंने मांग की कि जल्द विभिन्न सार्वजनिक संगठनों की ओर से जिला प्रशासन से मिलकर हिदायत वापस करने की मांग की जाएगी, यदि ऐसा न हुआ तो संघर्ष शुरू किया जाएगा।


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