पत्नियों संग पति भी रखेंगे आज करवाचौथ का व्रत
चार नवंबर को करवाचौथ है। महिलाओं ने व्रत की तैयारी शुरू कर दी है।
अमनदीप राठौड़, बरनाला : चार नवंबर को करवाचौथ है। महिलाओं ने व्रत की तैयारी शुरू कर दी है। पत्नी पति की लंबी आयु के लिए यह व्रत रखती हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह पर्व विशेष बन गया है, क्योंकि पत्नियों के साथ अब पति भी व्रत रख रख रहे हैं।
पत्नी के साथ पिछले 22 वर्षों से व्रत रख रहा हूं : लोक नाथ गर्ग
लोकनाथ गर्ग ने बताया कि वह अपनी पत्नी मंजू गर्ग के साथ पिछले 22 साल से करवाचौथ का व्रत रख रहे हैं। वह भी यही चाहते हैं कि केवल पत्नी ही क्यों दिन भर भूखी प्यासी रहे वह खुद क्यों न रहें। उन्होंने बताया कि पत्नी पति के कंधे से कंधा मिलाकर चलती है, इसलिए पत्नी के साथ व्रत रखना जरुरी है। वह हर वर्ष करवाचौथ पर अपनी पत्नी के साथ करवाचौथ का व्रत रख रहे हैं।
गुरप्रीत छह साल से रख रहे व्रत
गुरप्रीत सिंह खीपल ने बताया कि वह पिछले छह साल से अपनी पत्नी कविता खीपल के साथ करवाचौथ का व्रत रख रहे हैं, अगर पत्नी अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रख सकती है तो पति का भी फर्ज बनता है कि वह भी अपनी पत्नी की लंबी आयु के लिए व्रत रखे। उन्होंने बताया कि करवा चौथ पति-पत्नी के साथ सास-बहु के रिश्ते को भी मजबूत करता है। सास जब बहू को सरगी के रूप मे मिठाई, फल और श्रृंगार का सामान देती है, तो इससे आपस में प्यार व आदर की भावना बढ़ती है।
रणजीव दस साल से व्रत रख रहे
रणजीव कुमार ने बताया कि वह अपनी पत्नी नीरू गोयल के साथ दस साल से करवाचौथ का व्रत रखते आ रहे हैं। पति पत्नी गाड़ी के पहिये होते हैं, इसलिए अगर पत्नी पति की सलामती के लिए भूखी प्यासी रह सकती है तो पति को भी भूखा प्यासा रहकर अपनी पत्नी की सलामती के लिए व्रत रखना चाहिए। वह अपनी पत्नी की सलामती के लिए निरंतर करवाचौथ का व्रत रखते आ रहे हैं।
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करवाचौथ को लेकर जेल में मुलाकात के आदेश नहीं आए
जिला जेल के सुपरिटेंडेंट बलवीर सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पहले से ही जेल में मुलाकात बंद की हुई है। करवाचौथ के संबंध में मुलाकात को लेकर अभी तक उनके पास कोई भी आर्डर नहीं आए हैं, जैसे ही उपर से उनको करवाचौथ पर मुलाकत करवाने के आर्डर आते हैं तो नियमों अनुसार मुलाकात करवा दी जाएगी। सजावटी थाली, करवे एवं सजावटी छाननी की भी खूब बिक्री हो रही है। सजावटी थाली मात्र 100 रुपये से लेकर 12 सौ रुपये में उपलब्ध है। जबकि करवे मात्र 20 से 30 रूपये में बेचे जा रहे है। इन दिनों कम आयु की महिलाएं एवं नवविवाहिताएं करवाचौथ के लिए लहंगा चुन्नी पसंद कर रही है। जबकि बड़ी आयु की महिलाएं साड़ी की खरीददारी कर रही है।