चार युवकों ने किया नाबालिग लड़की अगवा, तीन दिन तक हाथ-पैर बांध व नशा दे करते रहे दुष्कर्म
चार युवकों ने नाबालिग लड़की का कार में अपहरण कर दिया। इसके बाद वह उसे निर्माणाधीन इमारत में ले गए और हाथ -पैर बांध तीन दिन तक दुष्कर्म करते रहे।
जेएनएन, बरनाला। कस्बा तपा के एक गांव में चार युवकों ने नाबालिग लड़की का कार में अपहरण कर दिया। इसके बाद वह उसे एक निजी स्कूल की निर्माणाधीन इमारत में ले गए और उसकेे हाथ -पैर बांध दिए। इसके बाद युवकों ने उसे जबरन नशा दिया और फिर तीन दिन तक सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। लड़की किसी तरह से वहां से भागी और मामले की जानकारी परिजनों को देने के बाद पुलिस को दी।
को अगवा कर तीन दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किया। 29 सितंबर की रात पास के गांव के ही चार युवक 16 वर्षीय नाबालिग को रात के समय उठाकर एक बंद पड़े स्कूल में ले गए। वहां तीन दिन तक युवती को नशा देकर उससे दिन-रात दुष्कर्म करते रहे।
16 वर्षीय नाबालिग लड़की ने बताया कि 29 सितंबर की रात करीब 8:30 बजे वह किसी काम से जा रही थी। इसी दौरान अचानक एक कार वहां आकर रुकी। उसमें सवार गौसा, सनी, गुरप्रीत सिंह व एक अन्य युवक सभी निवासी मौड़, नाभा ने उसे कुछ सुंघाकर कार में डाल लिया और गांव के पास ही बने निर्माणाधीन स्कूल के एक कमरे में ले गए। वहां उसके हाथ रस्सी से बांध दिए और मुंह भी बंद कर दिया।
इसके बाद युवकों ने उसे जबरन नशा दिया और फिर उससे बार-बार दुष्कर्म करते रहे। लड़की के मुताबिक एक अक्टूबर की देर शाम उन चारों में से वहां एक ही युवक था, जो शराब के नशे में धुत था। वह किसी तरह खुद को छुड़वाकर वहां से भागकर घर आ गई। परिवार ने उसे तपा के अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां से उसे बरनाला के अस्पताल में रेफर कर दिया गया।
नाबालिग के चाचा ने बताया कि बच्ची का सैंपल लैब में जांच के लिए भेजा गया है। उसका इलाज चल रहा है। घटना के बाद पुलिस टीम ने स्कूल में जाकर जांच की। वहां से एक जोड़ी चप्पल, एक बेल्ट का बक्कल बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार जिस स्कूल में घटना हुई, वह प्राइवेट है। उसकी छत भी नहीं बनी है। निर्माण अधूरा है। महिला सब इंस्पेक्टर बलविंदर कौर ने बताया कि पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपितों पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। सभी फरार हैं। आरोपितों की तलाश शुरू कर दी गई है।
परिवार ने पुलिस को दी थी सूचना, नहीं की कोई कार्रवाई
पीड़ित के परिवार ने बताया कि उन्होंने बेटी के गुम होने के बाद उसी रात करीब 11 बजे थाना शैहना की पुलिस को सूचना दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने तीन दिन तक कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस समय रहते कुछ करती तो उनकी बेटी को दुष्कर्मियों के चंगुल से बचाया जा सकता था।
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