धरने में शामिल किसान को पड़ा दिल का दौरा, मौत
किसानों ने भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शंटी की रिहायश समक्ष कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
संवाद सूत्र, बरनाला : किसानों ने भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शंटी की रिहायश समक्ष कृषि कानून को रद करवाने के लिए पिछले 43 दिनों से रोष धरना शुरू किया हुआ है। सोमवार को वहीं पर किसान संगठनों के सदस्य दिल्ली जाने व मोर्चे को मजबूत करने के लिए बैठक कर रहे थे तो अचानक सुखदेव सिंह निवासी गुरम की तबीयत बिगड़ गई, इस पर किसान उन्हें सिविल अस्पताल बरनाला में पहुंचाया तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। मृतक सुखदेव सिंह के शव को शव गृह में रखवा कर किसान यूनियन के नेता जरनैल सिंह बदरा ने कहा कि सुखदेव सिंह के परिवारिक सदस्यों को दस लाख की मदद व उसके बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए व सभी कर्ज माफ किया जाएं। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी यह मांग पूरी नहीं की जाती, तब तक वह मृतक किसान सुखदेव सिंह का संस्कार नहीं करेंगे। इस मौके पर बलौर सिंह छन्ना, रुप सिंह के अलावा बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
गौर हो कि पहले भी बरनाला जिले के दो किसानों की धरने के दौरान मौत हो चुकी है, फिर भी किसानों को हौसले बुलंद हैं, क्योंकि उनका मानना है कि कृषि सुधार बिल किसी तरह से किसानों के हित में नहीं है, इसलिए वे इसे हर हालत में रद करवा कर ही दम लेंगे, इसके लिए अब पूरे पंजाब के अलावा हरियाणा व अन्य राज्यों के किसान भी विरोध करना शुरू कर दिए हैं। किसानों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार सिर्फ उद्यमियों के बारे में ही सोचती है।