दो तालाब मे छह किस्मों की मछलियों को रख रहा किसान, वार्षिक 10 से 12 लाख रुपये आमदन
पंजाब सरकार के फसली विभिन्नता के प्रयत्नों की वजह से गांव बडबर के प्रगतिशील किसान मछली पालन का सहायक धंधा कर अच्छी कमाई कर रहा है।
पूजा सिगला, बरनाला : पंजाब सरकार के फसली विभिन्नता के प्रयत्नों की वजह से गांव बडबर के प्रगतिशील किसान मछली पालन का सहायक धंधा कर अच्छी कमाई कर रहा है। खेती के लिए जमीन ज्यादा उचित व उपजाऊ नहीं होने के कारण गांव बडबर का 43 वर्षीय किसान सुखपाल सिंह मछली पालन धंधे में वार्षिक 10 से 12 लाख रुपये कमा रहा है।
सुखपाल सिंह पुत्र चन्द सिंह निवासी बडबर ने बताया कि उसने मछली पालन के लिए ढाई एकड़ का तालाब अपनी जमीन में व साढ़े 4 एकड़ का तालाब पंचायती जमीन ठेके पर लेकर बनाया हुआ है। उसकी अपनी जमीन गहराई में होने के कारण पानी खड़ने की परेशानी रहती थी। इसके लिए उसने मछली पालन विभाग बरनाला के साथ संपर्क किया व जरूरी प्रशिक्षण प्राप्त कर मछली पालन करने के बारे में सोचा। वह अप्रैल 2016 से मछली पालन के सहायक धंधे के साथ जुड़ा हुआ है व मछली पालन विभाग से प्रवानित छह तरह की मछलियों कतला, रोहू, मुराख, सिलवर कार्प, ग्रास कार्प व कामन कार्प पाल रहा है। उसने बताया कि मछली बहाल होने में करीब एक वर्ष का समय लेती है व 28 से लेकर 32 क्विटल प्रति एकड़ तक मछली का उत्पादन होता है। इसका भाव तालाब पर ही नौ से 11 हजार रुपये क्विंटल तक मिल जाता है। इस तरह खर्च निकालकर वार्षिक 10 से 12 लाख लाभ हो जाता है व विगत वर्ष उसने 15 लाख रुपये लाभ कमाया था।
मौसमी सब्जियों भी उगाता है किसान
किसान सुखपाल ने संयुक्त सहायक धंधे को अपनाते हुए अपने तालाब किनारे पौधे लगाऐ हुए हैं। इसके साथ ही मौसमी सब्जियां की काश्त भी करता है, जिससे उसकी आमदनी बढ़ती है।
डीसी फूलका कर चुके है खेत का दौरा
किसान सुखपाल सिंह के प्रयत्नों को देखते हुए डीसी तेज प्रताप सिंह फूलका ने उसकी समय-समय पर हौसला अफजाई की। डीसी सुखपाल सिंह के खेत व तालाब का कई बार दौरा कर चुके हैं व डीसी द्वारा उसको प्रेरित करने के बाद हरियाली बांट रहा है। स्कीम के तहत 1.80 लाख रुपये की सब्सिडी मिली
सहायक डायरेक्टर सहायक डायरेक्टर मछली पालन बरनाला राकेश कुमार ने बताया कि जिला बरनाला में मछली पालन धंधा लगातार प्रफुलित हो रहा है। मछली पालन विभाग द्वारा सुखपाल सिंह सहित अन्य मछली पालकों को हर तरह की तकनीकी जानकारी समय-समय पर दी जाती है। विभाग द्वारा सरकार की स्कीम के तहत सुखपाल सिंह को 1.80 लाख रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है।
कितना मिलता है कर्ज व सब्सिडी
सीनियर मछली पालन अफसर हरविंदर सिंह ने बताया कि मछली पालन के पेशे के इच्छुक व्यक्तियों को करीब चार लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बैंकों से लोन मुहैया करवाया जाता है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत नान वाटर-लॉगड स्कीम के अधीन नए तालाब के निर्माण के लिए (खुदवाई सहित) 60 हजार रुपये प्रति एकड़ व पहले वर्ष की खाद खुराक के लिए 20 हजार रुपये प्रति सब्सिडी दी जाती है। मछली की पैदावार में विस्तार करने के लिए एरीएटर की खरीद करने के लिए एरीएटर दो पैडल के लिए 18000 रुपये व एरीएटर चार पैडल के लिए 23 हजार रुपये सब्सिडी दी जाती है।