गोवंश की सेवा के नाम पर प्रदेश सरकार गोसेस वसूल कर भर रहा प्रदेश का खजाना
गोवंश की सेवा करने के नाम पर प्रदेश सरकार गोसेस वसूलकर मात्र अपना खजाना भर लोगों की लूट कर रही है। मगर हकीकत में इसका सार्थक हल दिखाई नहीं दे रहा है।
सोनू उप्पल बरनाला
गोवंश की सेवा करने के नाम पर प्रदेश सरकार गोसेस वसूलकर मात्र अपना खजाना भर लोगों की लूट कर रही है। मगर, हकीकत में इसका सार्थक हल दिखाई नहीं दे रहा है। क्योंकि सड़कों पर सैकड़ो की संख्या में घूम रहे बेसहारा पशुओं के कारण आए दिन सड़क हादसों में कई घरों के चिराग, बच्चों से माता की छाया छिन रही है व हादसों में बाइक चालकों की मौत का कारण बन रहे हैं। गौर हो कि पूर्व अकाली सरकार ने गोशालाओं की संभाल के लिए बिजली व पानी की मुफ्त सुविधा दी थी, परंतु कैप्टन सरकार ने यह सुविधा वापस ले ली।
--अगस्त की काली रातों के एक सप्ताह में दो के मौत-
-गौर हो कि बेसहारा पशुओं के आंतक व बढ़ रही आबादी के कारण विगत दो माह में अब तक करीब 20 हादसे हो चुके हैं, जिसमें दो मौत अगस्त के पहले सप्ताह में ही हो चुकी है। बता दें कि 31 जुलाई की रात को हुए सड़क हादसे में बाइक सवार की मौत हो चुकी है। सात अगस्त की रात को बरनाला-बठिडा नेशनल हाईवे व बरनाला-बाजाखाना रोड पर बुलट की बेसहारा पशु से टक्कर में हादसा हुआ व वाहन क्षतिग्रस्त हुए। सात अगस्त की रात को बरनाला संगरूर नेशनल हाईवे टी प्वाइंट पर बाइक सवार की मौत व बरनाला बाजाखाना रोड पर स्कूटर चालक की बेसहारा पशु की टक्कर में चालक घायल हो गया व वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
--शहर में करीब एक हजार बेसहारा पशु-
-गौर हो कि एक अनुमान के हिसाब से एक हजार बेसहारा पशु शहर के विभिन्न बाजारों, लिक सड़कों, रोड़ से लेकर नेशनल हाईवे पर बेसहारा पशु आंतक मचा घूम रहे हैं व बेकसूर लोगों की जिदगियां निगल रहे हैं और दो की निगल चुके हैं।
--शहर में दो सरकारी गोशाला में हजारों की क्षमता-
-गौर हो कि शहर में दो सरकारी गोशालाएं बनाई गई हैं, जिसमें एक गोशाला शहर से 10 किमी दूर हंडिआया व दूसरी 25 किमी की दूरी पर गांव मनाल में बनाई गई है। गौर हो कि हंडिआया कैटल पौंड में करीब 250 से 300 बेसहारा पशु व मनाल में करीब एक हजार पशुओं की क्षमता है। --गोशाला में पर्याप्त चारा व दवा की कमी-
-गौर हो कि जिला बरनाला में चलने वाली कैटल पौंड में प्रयाप्त मात्रा में बेसहारा पशुओं के रखने के लिए शेड की कमी, हरा चारा की कमी, दवा की कमी व संभाल के लिए सेवादारों की भारी कमी है। लेकिन इनको पुख्ता कर पाना जिला प्रशासन के बस से बाहर है व प्रबंध अधूरे हैं।
--जिला प्रशासन ही कर रहा कैटल पौंड में प्रबंध-
-नगर कौंसिल की तरफ से विगत माह तो मुहिम चला 200 बेसहारा पशुओं को गोशाला छोड़ा गया, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई दिखाई नहीं दी। जिला प्रशासन में एडीसी डी प्रवीन कुमार गोयल की तरफ से अपने संभव प्रयत्नों व लोगों के सहयोग के साथ मनाल गोशाला को अच्छे तरीके से चलाने की संभव कोशिश की जा रही है व उसको चलाया जा रहा है। गोयल शहर में हर धार्मिक समाजिक संगठनों से सहयोग लेकर समाजसेवी लोगों को गोशाला से जोड़ने में लगे हैं, लेकिन सरकार का कोई प्रयास नहीं है। -पंजाब में इन पर लगा गो सेस-
-शराब बोतल 10 रुपये, देसी शराब 5 रुपये, तेल टैंकर 100 रुपये, बिजली प्रति यूनिट 2 पैसे, एसी मैरिज पैलेस 1000 रुपये, नॉन एसी मैरिज पैलेस 500 रुपये, सीमेंट प्रति बैग एक रुपये, नई कार की खरीद 1000 रुपये लगाया गया है।