मृतक किसान के परिवार को मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर दिया धरना
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग समक्ष लगाया गया संयुक्त किसानों का रोष धरना वीरवार को 260वें दिन भी जारी रहा।
संवाद सहयोगी, बरनाला
केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रेलवे स्टेशन बरनाला के बाहर पार्किंग समक्ष लगाया गया संयुक्त किसानों का रोष धरना वीरवार को 260वें दिन भी जारी रहा। वीरवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान संघर्ष के दौरान जान गंवाने वाले मृतक किसान सुखदेव सिंह राजिया के परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग करते हुए डीसी दफ्तर के समक्ष धरना दिया।
किसानों ने बताया कि सुखदेव सिंह की बुधवार को मौत हो गई थी। धरने के दौरान दो मिनट का मौन धारण कर सुखदेव सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। बलवंत सिंह उप्पली, करनैल सिंह गांधी, जगसीर सिंह सीरा, गुरनाम सिंह ठीकरीवाला, गुरजंट सिंह राजिया, काका सिंह फरवाही, हरचरण सिंह, गोरा सिंह, नछतर सिहं, बाबू सिंह ने कहा कि सुखदेव सिंह की बेटी अमनदीप कौर ने अपनी जज्बाती तकरीर से एक बेटी के दर्द को पेश किया। वक्ताओं ने कहा कि पांच लाख की राशि देकर सरकार कोई अहसान नहीं करती। किसानों ने संघर्ष करके यह मुआवजे मंजूर करवाए हैं कितु हर बार मुआवजा लेने के लिए किसानों को धरना देना पड़ता है। हर बार अधिकारी कोई न कोई बहाना बनाकर किसानों को सड़कों पर उतरने को मजबूर करते हैं। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों की मौतें सरकार के अड़ियल रवैये का परिणाम हैं। मुआवजा मिलने के बाद ही धरना समाप्त करेंगे।