दिल्ली मोर्चा में बरनाला के एक और किसान की मौत
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष के दौरान दिल्ली संघर्ष में डटे यहां के गांव चन्नवाल के किसान की मौत हो गई।
संवाद सहयोगी, बरनाला
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष के दौरान दिल्ली संघर्ष में डटे यहां के गांव चन्नवाल के किसान की मौत हो गई। मौत के 48 घंटे बाद शव बरनाला पहुंचा है। रेलवे स्टेशन बरनाला में चन्ननवाल गांव निवासी 50 वर्षीय जसमेल सिंह के शव को रेलवे स्टेशन पर रखकर सरकारी नौकरी, मुआवजा व कर्ज माफी को लेकर धरना लगाया गया। जसमेल सिंह विगत 26 नवंबर से दिल्ली के सिघु बार्डर में डटा था, तीन फरवरी को अचानक बीमार हो गया। उसे हरियाणा के एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। हरियाणा के डाक्टरों के मुताबिक किसान की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के जिला प्रधान निर्भय सिंह छीनीवाल, क्रांति सिंह किसान यूनियन के प्रधान हाकिम सिंह धालीवाल ने कहा कि जसमेल सिंह क्रांतिकारी किसान नेता था। मुआवजा व नौकरी के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
-----------------
किसानों की भूख हड़ताल 19वें दिन व धरना 127वें दिन भी रही जारी
संवाद सहयोगी, बरनाला
कृषि कानून को रद्द करवाने के लिए किसानों द्वारा लगातार 127 दिनों से रेलवे स्टेशन पार्किग, आधार माल, बरनाला बाजाखाना रोड शापिग मॉल, धनौला, संघेडा, पेट्रोल पंप समेत बड़बर व महलकलां टोल प्लाजा, भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शंटी के निवास समक्ष पक्का मोर्चा लगाकर धरना दिया जा रहा है व संघर्ष जारी है। वहीं किसानों द्वारा मांग को लेकर संघर्ष किया जा रहा है व लगातार संघर्ष प जत्था बनाकर दिल्ली रवाना हो रहे है। किसान ने रेलवे स्टेशन बरनाला पर दिसंबर से भूख हड़ताल शुरु की हुई है, जो 19वें दिन में शामिल हो गई व हड़ताल पर एक दर्जन किसान बैठे।