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पराली जलाने से पर्यावरण हो रहा प्रदूषित : एसएसपी

धनौला बरनाला दैनिक जागरण द्वारा चलाए अभियान ना जलायें पराली रहेगी खुशहाली।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 04:46 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 04:46 PM (IST)
पराली जलाने से पर्यावरण हो रहा प्रदूषित : एसएसपी
पराली जलाने से पर्यावरण हो रहा प्रदूषित : एसएसपी

हरदीप गिल, धनौला, बरनाला :

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दैनिक जागरण द्वारा चलाए अभियान 'न जलाएं पराली, रहेगी खुशहाली' के तहत सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ग‌र्ल्स धनौला द्वारा डीईओ सेकेंडरी सर्बजीत सिंह तूर के नेतृत्व में जागरूकता रैली निकाली गई। इस जागरुक्ता रैली को एसएसपी बरनाला हरजीत सिंह ने हरी झंडी देकर रवाना किया। करीब 100 छात्राओं ने पराली नहीं जलाने का संदेश देते हुए बाजार में रैली निकाल कर संदेश दिया।

एसएसपी बरनाला हरजीत सिंह ने उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि देश भर में हर वर्ष 50 करोड़ टन से अधिक धान की पराली निकलती है, जिसमें से 36 करोड़ टन धान की पराली का उपयोग पशु चारे के रूप में व अन्य 14 करोड़ टन पराली खेत में जला दी जाती है। पंजाब व हरियाणा में क्रमश: 19 से 20 व 12 से 15 मिलियन टन धान की पराली की पैदावार होती है। जिसमें से पंजाब व हरियाणा में क्रमश: 12 व 7 से 8 मिलियन टन धान की पराली को जला दिया जाता है। उन्होंने बताया कि एक टन धान की पराली जलाने से हवा में 3 किलो ग्राम कार्बन कण, 513 किलो ग्राम कार्बनडाइऑक्साइड, 92 किलो कार्बनमोनोऑक्साइड, 3.83 किलोग्राम नाइट्रस-ऑक्साइड, 2 से 7 किलो ग्राम मीथेन, 250 किलो ग्राम राख घुल जाती है। धान की पराली जलाने से पर्यावरण व वायु प्रदूषित होती है। वायु में उपस्थित धुएं से आंखों में जलन व सांस लेने में परेशानी होती है। प्रदूषित कणों के कारण खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। प्रदूषित वायु के कारण फेफड़ों में सूजन, संक्रमण, निमोनिया व दिल की बीमारियों सहित अन्य कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

डीईओ सेकेंडरी सर्बजीत सिंह तूर ने कहा कि पराली जलाने से भूमि की उपजाऊ क्षमता लगातार कम हो रही है। इस कारण भूमि में 80 प्रतिशत तक नाइट्रोजन, सल्फर व 20 प्रतिशत तक अन्य पोषक तत्वों में कमी आई है। मित्र कीट नष्ट होने से शत्रु कीटों का प्रकोप बढ़ा है, जिससे फसलों में विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं। एक टन धान की पराली जलाने से 5.5 किलो ग्राम नाइट्रोजन, 2.3 किलो ग्राम फॉस्फोरस व 1.2 किलो ग्राम सल्फर जैसे मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

इस अवसर पर एसएसपी बरनाला हरजीत सिंह ने छात्राओं से पराली जलाने से होने वाले नुकसान व नहीं जलाने से होने वाले फायदों संबंधी सवाल-जवाब किए, तो सही जवाब देने वाली 12वीं कक्षा की छात्रा हरप्रीत कौर को एसएसपी बरनाला हरजीत सिंह डीईओ सेकेंडरी सर्बजीत सिंह तूर, प्रि. निर्मला देवी व अन्य गणमान्य ने सम्मानित किया। इस अवसर पर स्कूल की छात्राओं ने कहा कि वह अधिकांश किसान परिवार से संबंध रखती है व अब वह अपने परिवार को पराली नहीं जलाने के लिए प्रेरित करेंगी।

इस अवसर पर प्रिसिपल निर्मला देवी, पंजाबी लेक्चरर रुपिदर कौर, अंग्रेजी लेक्चरर उर्वशी गुप्ता, मैथ लेक्चरर रीटा रानी, लेक्चरर अर्थ शास्त्र रजिदर कौर, लेक्चरर सुखिवंदर कौर, साइंस मिस्ट्रैस सुनीता देवी, गुरमीत कौर, रेबती बाला, कर्मजीत कौर, अमनदीप, हरजीत कौर, सोनिका रानी, डिपल रिशी, बलवीर कौर, अनुपम बाला, नीतू जैन, कविता रानी, राज रानी, जसविदर कौर, स्वर्णजीत कौर, बलजीत कौर, पंकज बांसल आदि उपस्थित थे।


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