सिखों की शहादत से अवगत करवाएगी विश्व युद्ध सुल्तानविड वेबसाइट : दविदर छीना
कौम देश व बिना भेदभाव के असहाय लोगों की खातिर अपना आप कुर्बान करने की गुढ़ती सिख कौम को गुरु साहिब द्वारा दिखाए गए मार्ग से नसीब हुई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : कौम, देश व बिना भेदभाव के असहाय लोगों की खातिर अपना आप कुर्बान करने की गुढ़ती सिख कौम को गुरु साहिब द्वारा दिखाए गए मार्ग से नसीब हुई है। यदि सिख कौम के इतिहास को देखा जाए, तो विश्व भर में सिख कौम की तरह दिलेरी, विनम्रता व कुर्बानियों का कोई सानी नहीं है। समय के हालात को भांपते जो लोग सिख कौम के इतिहास से अंजान हैं, उनकी जानकारी में वृद्धि करने के लिए विश्व युद्ध सुल्तानविड डाट ओआरजी वेबसाइट की आगाज किया गया है। सिखों की शहादत से कई लोग हैं अंजान
खालसा कालेज गवर्निंग कौंसिल (केसीजीसी) के आनरेरी सचिव रजिदर मोहन सिंह छीना ने वेबसाइट लांच करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि वेबसाइट लाभदायक साबित होगी। पंजाब कल्चर प्रमोशन काउंसिल के प्रधान दविदर सिंह छीना ने कहा कि सिखों की शहादत से अंजान लोगों को यह वेबसाइट जानकारी मुहैया करवाएगी। फ्रांस व बेल्जियम के युद्ध में अधिकतर सिख थे
सोसायटी के प्रधान गुरिदर सिंह सुल्तानविड ने उक्त वेबसाइट को लोकार्पित किया। उन्होंने कहा कि उक्त वेबसाइट पर पहला विश्व युद्ध फ्रांस व बेल्जियम के मध्य चले चार महीने में 34252 सिपाहियों में अधिकतर सिख ही थे, जिन्होंने शहीदी हासिल की और युद्ध में 37 मिलियन जानें गई थीं। जबकि दूसरे विश्व युद्ध में 1939 से 1945 तक का जिक्र किया गया है, जिसमें ब्रिटिश इंडियन आर्मी की गिनती 25 लाख पहुंची, जिसमें 89218 सिपाही शहीद हुए थे। इस मौके पर सरबजीत सिंह गुमटाला, हरजाप सिंह सुल्तानविड आदि मौजूद थी।