महिला किसान दिवस पर महिलाओं ने की केद्र के खिलाफ नारेबाजी
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर महिला किसान दिवस पर महिलाओं की ओर से केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की गई।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर महिला किसान दिवस पर महिलाओं की ओर से केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की गई। भंडारी पुल पर रोष रैली करने के बाद महिलाओं ने भंडारी पुल से लेकर टाउन हाल तक रोष मार्च निकाला। प्रदर्शन में पंजाब स्त्री सभा, हिद मजदूर सभा, आल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेन फेडरेशन और अलग-अलग किसान व जन संगठनों के साथ संबंधित महिला वर्कर भी शामिल हुई।
रैली के दौरान संबोधित करते हुए महिला नेत्रियों एडवोकेट कंवलजीत कौर, नरिदर कौर पाली, डा. कंवलजीत धनोआ, दसविदर कौर, कमल गिल, पलविदर कौर ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि सुधार कानून को लागू करना चाहती है जबकि किसान उनको रद करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इनको लागू करके कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाना चाहती है। इसको न तो किसान और न ही महिलाएं सहन करेंगी। करीब दो माह से किसान दिल्ली बार्डर पर कड़ाके की सर्दी में संघर्ष कर रहे हैं। कई किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हो चुकी है लेकिन फिर भी सरकार किसानों की सुनवाई को तैयार नहीं है। राज्य भर की महिलाएं पूरी तरह किसानों के संघर्ष के में उनके कंधे के साथ कंधा मिला कर मैदान में है। महिलाएं दिल्ली में होने वाली किसानों की ट्रैक्टर परेड में भी सरगर्मी से हिस्सा लेंगी। 22 जनवरी को माझा से किसान महिलाओं का जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा। उन्होंने कहा कि अगर यह कानून लागू हो जाते है तो जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे। महिलाओं को अपने घरों की रसोई चलाना भी मुश्किल हो जाएगा।
इस मौके पर सरोज बाला, हरिटर बुटारी, गुरिदर कौर दाउद, सुरजीत कौर कत्थूनंगल, बलविदर कौर दुधाला, सीता, प्रवीण कुमारी, परमजीत कौर मान, बीबी अजीत कौर, अमरजीत कौर, नरिदर कौर, राज कौर झीता, कुलविदर कौर, इंकविदर कौर, परमजीत कौर मौजूद थे।