Move to Jagran APP

. हम जान की न परवाह किए बस खड़े हैं सबकी ढाल बने

कोरोना संक्रमण से देश भर में 724 डाक्टरों की मौत हो चुकी है। इस संकटकाल में डाक्टरों ने जिस धैर्य और संयम का परिचय दिया वह अतुलनीय हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 05:00 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 05:00 PM (IST)
. हम जान की न परवाह किए बस खड़े हैं सबकी ढाल बने
. हम जान की न परवाह किए बस खड़े हैं सबकी ढाल बने

जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना संक्रमण से देश भर में 724 डाक्टरों की मौत हो चुकी है। इस संकटकाल में डाक्टरों ने जिस धैर्य और संयम का परिचय दिया, वह अतुलनीय हैं। सरकारी मेडिकल कालेज गुरु नानक देव अस्पताल में कार्यरत डा. वैभव चावला ने कोरोना महामारी की वजह से मौत की आगोश में चले गए डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को गीत के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की है। साथ ही लोगों से अपील की है कि डाक्टर भगवान नहीं, इंसान ही हैं।

loksabha election banner

डा. वैभव की ओर से गाए गीत की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं — करते दिन रात इलाज हैं जो क्यों उन बांहों को भूल गए, तुम कहते थे भगवान हमें, क्यों उस भगवान को भूल गए। हम जान की न परवाह किए बस खड़े हैं सबकी ढाल बने, न मानों तुम भगवान हमें पर मान लो तुम इंसान हमें। तेरी मिट्टी में मिल जावां गुल बनके मैं खिल जावां, इतनी सी है दिल की आरजू। तेरी नदियों में बह जावां, तेरे खेतों में लहरावां, इतनी सी है दिल की आरजू। इतने बिगड़े हालात थे जो पर हमने फर्ज न रुकने दिया, तब थाम के नब्ज तुझे न मौत के आगे झुकने दिया। बीमार है जो किस धर्म का है, इक पल न हमें यह ख्याल हुआ, सफेद जो पहनी वर्दी थी अब उसका रंग क्यों लाल हुआ। तेरी मिट्टी में मिल जावां, गुल बनकर मैं खिल जावां, इतनी सी है दिल की आरजू। डा. वैभव के इस गीत को इंटरनेट मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.