बाढ़ के स्तर पर पहुंचा रावी दरिया का पानी
अमृतसर शनिवार और रविवार को लगातार हुई मूसलधार बारिश के बाद भारत-पाक की सीमाओं पर बहने वाला रावी दरिया का पानी आज शाम बाढ़ के स्तर को छू गया।
र¨वदर शर्मा, अमृतसर
शनिवार और रविवार को लगातार हुई मूसलधार बारिश के बाद भारत-पाक की सीमाओं पर बहने वाला रावी दरिया का पानी आज शाम बाढ़ के स्तर
को छू गया। कश्मीर घाटी में बहने वाले दरिया उज्ज से बीती रात छोड़े गए 1.40 लाख क्यूसिक पानी के बाद सोमवार की सायं रावी दरिया में पानी
का स्तर 1.11 लाख क्यूसिक से भी ज्यादा पानी छोड़ना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ ब्यास दरिया में भी कल रात तेजी से पानी का बहाव बढ़ने के बाद अजनाला और बाबा बकाला साहिब के कई गांवों में बाढ़ आने की प्रबल संभावना बन गई है।
डिप्टी कमिश्नर कमलदीप ¨सह संघा ने इस बाबत आज संबंधित डिवीजनों के एसडीएम्ज के साथ संपर्क कर लगातार चौकस रहने की हिदायतें जारी कर दी हैं। वहीं दूसरी तरफ डिजास्टर मैनेजमेंट कंट्रोल रूम में ड्यूटी से गैर हाजिर रहने पर जिला डिजास्टर मैनेजमेंट कंट्रोल के नोडल
अधिकारी-कम-जिला माल अधिकारी मुकेश शर्मा ने फूड एंड सिविल सप्लाई के एक इंस्पेक्टर को शॉ कॉज नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह में जवाब मांगा है। इसके साथ ही उन्होंने सिविल सप्लाई कंट्रोलर रजनीश कुमारी को पत्र लिख कर अपने उक्त इंस्पेक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है। रावी दरिया में छोड़ा जाता है उज्ज से पानी
ड्रेनेज विभाग के एक्स-ई-एन कुल¨वदर ¨सह का कहना है कि कश्मीर के उज्ज दरिया से 1.40 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, जो आज सायं रावी दरिया (अमृतसर जिला) में पहुंच गया और सोमवार की सायं करीब 5 बजे इसमें पानी का स्तर बढ़ कर 1 लाख 11 हजार 250 क्यूसिक हो गया। क्योंकि पानी का स्तर मीडियम फ्लड (बाढ़) की हालत में पहुंच चुका है तो आज दरिया के शाहपुर, दरिया मूसा, चाहड़पुर, कोट रजाद और धोनेवाल इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। ब्यास दरिया में पौंग और रंजीत सागर डैम से छोड़ा जाता है पानी
ब्यास दरिया हिमाचल से निकल कर पंजाब में प्रवेश करता है। इसमें पानी दो डैमों से छोड़ा जाता है। पठानकोट में चक्की दरिया (रंजीत सागर डैम) और तलवाड़ा में पौंग डैम। आज ब्यास दरिया में सोमवार की सायं 6 बजे तक 58 हजार क्यूसिक पानी था, जबकि पौंग डैम (तलवाड़ा) से मंगलवार की दोपहर 60 हजार क्युसिक पानी छोड़े जाने की संभावना है, जो बुधवार तक यहां (बाबा बकाला इलाका) में पहुंचेगा। डरेनेज विभाग के एसडीओ अवतार ¨सह काहलों ने कहा कि ब्यास दरिया के पानी पर लगातार नजर रखे हुए हैं और हर दो घंटे बाद इसकी रिपोर्ट डिप्टी कमिश्नर को भेजी जा रही है। कसूर नाले की बूटी बन सकती है बाढ़ का कारण
गुरदासपुर (धारीवाल) के पुल पर बूटी फंसी हुई है। इस नाले में 3000 क्युसिक पानी बहने की क्षमता है, जिसे पार कर आज 4 हजार क्युसिक से उपर पहुंच चुका है। कसूर नाला धारीवाल से होते हुए तरनतारन और वहां से खेमकरण के रास्ते पाकिस्तान (कसूर) जाता है। रविवार को हुई तेज बारिश के बाद इसके पुल पर फंसी बूटी को देखते हुए ड्रेनेज विभाग ने सफाई अभियान शुरु कर दिया है, ताकि इसमें पानी का बहाव बढ़ने पर यह आस-पास के इलाकों के लिए खतरनाक साबित नहीं हो पाए। धारीवाल स्थित इस कसूर नाले के पुल से बूटी की सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारी लगाए गए हैं।
सीमावर्ती 48 गांवों पर है खतरा
भारत-पाक सीमा अजनाला इलाके के 39 और बाबा बकाला के 9 गांव बाढ़ संभावित इलाके हैं। आपात स्थिति बनने पर इन गांवों के लोगों कोहटा कर सुरक्षित ले जाने संबंधई सभी प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं। एसे स्कूलों की भी पहचान कर ली गई है, जहां बाढ़ की हालत में लोगों को ठहराया जाना है। जानवरों को भी सुरक्षित हटाए जाने संबंधी निर्देश जारी किए गए हैं। कमलदीप ¨सह संघा, डिप्टी कमिश्नर अमृतसर।
कोट
कंट्रोल रूम नंबर 0183-2229125 पर ग्रेड थ्री अधिकारी के साथ अन्य कर्मचारियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। यहां ड्यूटी करने की सख्त हिदायतें जारी की गई हैं। 20 सितंबर की रात कंट्रोल रूम पर सिविल सप्लाई विभाग के इंस्पेक्टर रा¨जदर ¨सह की ड्यूटी लगाई गई थी। उनके ड्यूटी पर नहीं पहुंचने पर उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। लगातार रावी और ब्यास दरिया के बहाव पर नजर रखी जा रही है।
मुकेश शर्मा, जिला माल अधिकारी-कम- डिजास्टर मैनेजमेंट कंट्रोल नोडल अधिकारी, अमृतसर।