उद्योगपतियों और कारोबारियों के वैट रिफंड में फंसे 18 करोड़
जागरण संवाददाता, अमृतसर अमृतसर के उद्योगपतियों और कारोबारियों के वैट रिफंड की 18 क
जागरण संवाददाता, अमृतसर
अमृतसर के उद्योगपतियों और कारोबारियों के वैट रिफंड की 18 करोड़ रुपये की राशि सरकारी विभागों में फंसी हुई है। पुरानी टैक्स प्रणाली वैट को खत्म हुए एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है मगर सरकार उक्त राशि को लौटाने को गंभीर नहीं। एक तरफ नई टैक्स प्रणाली जीएसटी में ज्यादातर रिफंड उद्योगपतियों और कारोबारियों को मिल चुका है मगर वैट के तहत फंसे करोड़ों रुपये लेने में उन्हें पसीना बहाना पड़ रहा है।
सेल्स टैक्स प्रेक्टिशनर्ज एसोसिएशन के पूर्व प्रधान नवीन सहगल कहते हैं कि करीब 85 लाख रुपये के रिफंड विभाग जारी कर चुका है मगर यह
सरकार के खजाना में अटकी पड़ी है। उन्होंने बताया कि अमृतसर-1 में 72 आवेदनों के करीब 4.80 करोड़ रुपये लंबित हैं। इनमें से 60 दिनों से ज्यादा वाले करीब 4.25 करोड़ रुपये वाले आवेदन हैं। इसी तरह अमृतसर-2 में करीब 182 वैट रिफंड के कारोबारियों के आवेदनों की करीब
13 करोड़ रुपये की राशि लंबित है। इसमें 60 दिनों से ज्यादा वाले 125 आवेदनों पर करीब 8.75 करोड़ की राशि के रिफंड हैं।
एसोसिएशन के पूर्व प्रधान नवीन सहगल के मुताबिक सेल टैक्स के सेक्शन 40 आफ वैट एक्ट में कारोबारियों को रिफंड मिलने में देरी होने की सूरत में 6 फीसदी सालाना ब्याज देने को सरकार वचनबद्ध है। ब्याज की यह सुविधा वैट रिफंड 60 दिन से ज्यादा होने पर मिलते हैं। लेकिन सरकार ब्याज तो क्या उद्योगपतियों और कारोबारियों की मूल राशि लौटाने में ही आनाकानी कर रही है। इसके लिए बेहतर हल हाईकोर्ट की शरण में जाना है। उन्होंने बताया कि इसके लिए हाईकोर्ट के जरिए वे साल 2013-2014 के केस में अपने क्लाइंट को करीब 2.25 करोड़ रुपये विभाग से ब्याज दिलवा चुके हैं। सरकार वैट रिफंड को लेकर नहीं गंभीर
फोकल प्वाइंट इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के चेयरमैन कमल डालमिया कहते हैं सरकार ने पिछले साल वैट रिफंडों को क्लीयर करने का व्यापारियों और कारोबारियों को भरोसा, लेकिन उसे आज तक पूरा नहीं किया। कारोबारियों के करोड़ों रुपये इसमें फंसे हुए हैं। यह राशि वर्किंग कैपिटल होती है और इसके डंप होने पर कारोबारी डाउन जाता है। सरकार को चाहिए कि अपना वादा पूरा करे और कारोबारियों के वैट रिफंड जल्द से जल्द जारी करे।
देरी होने पर ब्याज सहित वसूलते हैं जुर्माना
फेडरेशन आफ करियाना एंड ड्राई फ्रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल मेहरा ने बताया कि अगर किसी कारोबारी या व्यापारी की रिटर्न भरने में देरी हो जाए तो विभाग रिटर्न के साथ ही जुर्माना राशि और ब्याज की राशि वसूलता है। ब्याज और जुर्माने की राशि बाद में जमा करवाए जाने पर उसकी रिटर्न ही स्वीकार नहीं की जाती। रिफंडों को लेकर भी सरकार को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और कारोबारियों और उद्योगपतियों का पैसा समय पर रिफंड किया जाना चाहिए।
कोट
अप्रैल 2018 तक के सभी वैट रिफंड हो चुके हैं। करीब 85 लाख रुपये के वैट रिफंड सरकार को भेजे गए हैं। सरकार के पास फंड्स की कमी होने के चलते कई बार रिफंड की राशि जारी करने में देरी हो जाती है। खजाना कार्यालय राज्य सरकार और सरकार के विभागों के बीच एक पुल का काम करता है। जैसे ही सरकार फंड भेजेगी लंबित वैट रिफंड का भुगतान कर दिया जाएगा। अमन मैनी, जिला खजाना अधिकारी, अमृतसर