वरुण नानक नाम के इतने निकट, जमा कर लीं 10 लाख डाक टिकट
। बटाला रोड स्थित कांगड़ा कॉलोनी निवासी वरुण अग्रवाल ने 10 लाख डाक टिकटें सहेज रखी हैं।
अखिलेश सिंह यादव, अमृतसर
इसे श्री गुरु नानक देव जी के प्रति उनकी अथाह आस्था कहें या डाक टिकटों को जमा करने का शौक। बटाला रोड स्थित कांगड़ा कॉलोनी निवासी वरुण अग्रवाल ने 10 लाख डाक टिकटें सहेज रखी हैं। इनमें गुरु-साहिबान व धार्मिक स्थलों से संबंधित अब तक जारी 100 के करीब टिकटें भी शामिल हैं। वह इन टिकटों को लेकर कई प्रदर्शनियां भी लगा चुके हैं।
वरुण कहते हैं कि गुरु साहिबान के प्रति उनकी अटूट आस्था है। अपनी आस्था व शौक के चलते ही उन्होंने गुरु घर से संबंधित हर डाक टिकट को अपनी संग्रहालय की शोभा बनाया। पेशे से वह एलआइसी एजेंट हैं। वह कहते हैं यह डाक टिकटें ही उनकी जमापूंजी है।
वर्ष 1969 में गुरु नानक देव जी के 500वें प्रकाश पर्व पर रिलीज हुई डाक टिकट भी उनके पास है। यह डाक टिकट 20 पैसे की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 9 नवंबर 2019 को डेरा बाबा नानक के गांव शिकारमाछिया में 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर जारी की गई डाक टिकट को भी उन्होंने सहेज लिया है। यह डाक टिकट 55 रुपये की थी। उनके द्वारा तैयार किए गए मिनिएचर में गुरुद्वारा नानक लामा साहिब चुंगथाग सिक्किम, गुरुद्वारा दरबार साहिब डेरा बाबा नानक गुरदासपुर, गुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी, गुरुद्वारा नानक झीरा साहिब बीदर कर्नाटक, गुरुद्वारा जन्म स्थान ननकाना साहिब के गुरुद्वारा साहिबान के चित्र सुशोभित हैं। इसमें सिर्फ गुरुद्वारा ननकाना साहिब की डाक टिकट 15 रुपये की है। शेष चारों दस-दस रुपये की है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर डाक विभाग ने श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर जो स्पेशल कवर जारी किया, वह भी उनकी लाइब्रेरी में है।
वरुण ने बताया कि सिख समुदाय व गुरुओं से संबंधित डाक टिकटों को उन्होंने अपनी डायरी में संजो कर रखा है। गुरु गोबिद सिंह जी के 350 प्रकाश पर्व पर वर्ष 2017 में जारी डाक टिकट भी इसमें शामिल है। यह डाक टिकट दस रुपये की है। वर्ष 2005 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 400 साला प्रकाश पर्व की दुर्लभ डाक टिकट भी उनकी डायरी में है। इस डाक टिकट को रिलीज करने से पहले केंद्र सरकार ने डाक टिकट में एक भूल के चलते इसे वापस ले लिया था। इसका मूल्य दस रुपये रखा गया था। भूटान व कनाडा की डाक टिकटे भी संभाल रखी हैं
वरुण ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की फोटो सहित डाक टिकट भूटान सरकार ने वर्ष 2008 में जारी की थी। इसके सहित श्री गुरु अर्जन देव जी के 400वें प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान सरकार द्वारा गुरुद्वारा डेरा साहिब लाहौर के फोटो सहित जारी की गई डाक टिकट, कनाडा सरकार द्वारा श्री खंडा साहिब के चित्र सहित जारी डाक टिकट भी उनके पास है। कनाडा सरकार द्वारा जारी डाक टिकट 46 सेंट की है। फर्स्ट डे कवर व स्पेशल कवर भी
इन डाक टिकटों के साथ साथ फर्स्ट डे कवर और स्पेशल कवर को भी वरुण ने अपने संग्रहालय में संजो रखा है। श्री अमृतसर साहिब के 400वें स्थापना दिवस 1977 में रिलीज किए गए स्पेशल कवर जिसमें साई मियां मीर व हरिमंदिर साहिब की अलग- अलग फोटो सहित कई दुर्लभ कवर उन्होंने संभाल रखे हैं। एयर इंडिया द्वारा वर्ष 1982 को अमृतसर से शुरू की गई अमृतसर-बर्मिघम फ्लाइट के स्पेशल कवर भी उनकी लाइब्रेरी में है। श्री दरबार साहिब पर अब तक जारी सभी डाक टिकटें उनके पास हैं। विरासत में मिला यह शौक
वरुण को यह शौक अपने चाचा सुभाष चंद्र से विरासत से मिला। वरुण के शौक को देखते हुए उनके चाचा सुभाष ने एक हजार डाक टिकटें उनके सुपुर्द की थीं। मौजूदा समय में उनके पास दस लाख से अधिक डाक टिकटें व स्पेशल कवर नोट हैं। वरुण अमृतसर फिलेटलिक क्लब के महासचिव भी हैं। वर्ष 2000 में उन्होंने क्लब ज्वाइन किया। वह फिलेटलिक कांग्रेस आफ इंडिया के आजीवन सदस्य भी हैं।