वैक्सीन संकट : चार महीनों में महज 367818 को लगा टीका
कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति नियमित न होने का प्रतिकूल प्रभाव दिख रहा है। वैक्सीन लगवाने के लिए लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं। इनमें 45 से अधिक आयु के उन लोगों की संख्या सर्वाधिक है जो पहली डोज लगवा चुके थे और दूसरी डोज लगवाना चाहते हैं।
जागरण संवाददाता, अमृतसर : कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति नियमित न होने का प्रतिकूल प्रभाव दिख रहा है। वैक्सीन लगवाने के लिए लोग प्रतिदिन स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंच रहे हैं। इनमें 45 से अधिक आयु के उन लोगों की संख्या सर्वाधिक है जो पहली डोज लगवा चुके थे और दूसरी डोज लगवाना चाहते हैं। कुछ ऐसे हैं जिन्हें पहली डोज लगवाए 45 दिन से अधिक बीत चुके हैं और अब बार-बार स्वास्थ्य केंद्रों में आकर दूसरी डोज की मांग कर रहे हैं। इन्हें 42 दिन बाद दूसरी डोज लग जानी चाहिए थी, पर वैक्सीन संकट की वजह से सरकार ने दूसरी डोज लगवाने का समय 90 दिन कर दिया है।
दरअसल, कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से भयजदा हर व्यक्ति अब वैक्सीन लगवाने को तैयार है, पर आपूर्ति न होने से निराश हैं। गुरुनगरी में 16 जनवरी को टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। शुरुआती चरण में कुछ स्वास्थ्य कर्मियों ने ही टीका लगवाने से इंकार किया था, लेकिन जैसे-जैसे कोरोना विकराल होता गया, वैसे ही टीका लगवाने वालों की संख्या बढ़ती गई। पहली अप्रैल को 45 से अधिक आयु के लोगों के टीकाकरण की शुरूआत हुई। जिले में 2 लाख 31 हजार 111 लोग से अधिक आयु के पंजीकृत किए गए हैं। एक माह बीतने को है इस अवधि में 202589 लोगों ने पहली डोज लगवा ली, जबकि दूसरी डोज सिर्फ 39 हजार 757 लोगों को ही लग पाई। यानी अभी भी एक लाख 62 हजार 832 लोग दूसरी डोज लगने का इंतजार कर रहा है। इसी प्रकार जिले में 37 हजार 647 स्वास्थ्य कर्मी पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से 25 हजार 530 को पहली डोज लगी है, जबकि महज 15046 को दूसरी डोज लगाई गई। वहीं फ्रंट लाइन वारियर्स 52440 पंजीकृत हैं। इनमें से पहली डोज 47 हजार 43 को लगी, जबकि 17519 को दूसरी डोज लगाई गई। यह सिर्फ आंकड़े नहीं, सरकारी बेरुखी का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। जिले के वैक्सीन सेंटरों में प्रतिदिन इस आयु वर्ग के लोग दूसरी डोज लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। सिर्फ 16 वैक्सीन सेंटरों पर टीकाकारण की खानापूर्ति हो रही है। यहां भी 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों को राज्य सरकार द्वारा भेजी गई कोवैक्सीन से दूसरी डोज लगाई जा रही हैं। असल में केंद्र सरकार द्वारा पंजाब में कोविशील्ड का स्टाक नहीं भेजा जा रहा। कारण चाहे जो भी हो, पर इसका दुष्प्रभाव दिख रहा है। 2064 लोगों को लगा टीका बुधवार को 18 आयु वर्ग से लोग, श्रमिक व 18 से 44 साल तक जिन्हें बीमारी हैं, उन्हें 2064 डोज ही लगाई गईं। वैक्सीन संकट की वजह से लोगों को वैक्सीन सेंटरों में निराशा हाथ लग रही है। आरोप यह भी है कि सिफारिश होने पर ही लोगों को वैक्सीन लग रही है। अमृतसर की 26 लाख आबादी में से 18 से अधिक आयु के तकरीबन 12 लाख लोग हैं। इनमें से महज 367818 को वैक्सीन लग पाई है। इस हिसाब से सभी की वैक्सीनेशन में कम से कम डेढ़ वर्ष लग जाएगा। तब तक कोरोना न जाने कितनी बार अपना म्यूटेंट बदल चुका होगा।