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हिरासत में मौत मामले में एएसआई सहित दो बरी

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीके गोयल की अदालत ने साल 2011 में पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में एएसआई परमजीत ¨सह और अशोक कुमार पर आरोप साबित नहीं होने पर बरी कर दिया है। हालांकि इससे पहले छेहरटा थाने में मौजूदा थाना प्रभारी हरीश बहल, एएसआई दिलबाग ¨सह भी बरी हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 09:03 PM (IST)
हिरासत में मौत मामले में एएसआई सहित दो बरी
हिरासत में मौत मामले में एएसआई सहित दो बरी

जागरण संवाददाता, अमृतसर : अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीके गोयल की अदालत ने साल 2011 में पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में एएसआई परमजीत ¨सह और अशोक कुमार पर आरोप साबित नहीं होने पर बरी कर दिया है। हालांकि इससे पहले छेहरटा थाने में मौजूदा थाना प्रभारी हरीश बहल, एएसआई दिलबाग ¨सह भी बरी हो चुके हैं। गौर रहे इंस्पेक्टर हरीश बहल को केस की सुनवाई के दौरान न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा था। दरअसल, 27 जुलाई 2011 को नवीं आबादी वासी बावा ¨सह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। परिवार का आरोप था कि पुलिस कर्मियों ने कुछ अन्य के साथ मिलकर बावा ¨सह पर हवालात में थर्ड डिग्री इस्तेमाल किया था। जिससे बावा ¨सह की मौत हो गई थी। घटना के बाद परिवार के सदस्यों ने इलाके के लोगों के साथ मिलकर रतन ¨सह चौक में जाम लगाया था। बावजूद पुलिस अधिकारियों ने कोई केस दर्ज नहीं किया। जब पुलिस से इंसाफ न मिला तो मृतक के भाई बुआ दास ने अदालत में वकील के माध्यम से याचिका दायर की। इसके बाद कोर्ट ने शिकायतकर्ता की याचिका पर गौर करते हुए इंस्पेक्टर हरीश बहल, एएसआई दिलबाग ¨सह, अशोक कुमार, रणजीत कुमार, एएसआई परमजीत ¨सह, हेड कांस्टेबल अमरीक ¨सह और कबीर शर्मा को समन जारी किए। सभी ने सेशन कोर्ट में जमानत याचिकाएं दायर की थी। जिस पर अदालत ने याचिकाएं खारिज कर दी। आरोपित जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट तक गए। लेकिन वहां से भी राहत नहीं मिली। पेश नहीं होने की स्थिति में अदालत ने उनके खिलाफ वारंट तक जारी किए थे। आरोपितों ने वारंटों के खिलाफ रिव्यू पटीशन तक डाली थी। जिसे सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद आरोपित राहत के लिए शीर्ष अदालत तक भी गए थे। लेकिन गंभीर आरोपों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। इसके बाद सभी ने बारी-बारी से सरेंडर करना शुरू कर दिया था।

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