जीएनडीयू में दिखेगी पहले से भी ज्यादा हरियाली
। देश में स्वच्छता में नंबर वन रैंक हासिल करने के बाद गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी को पहले से भी ज्यादा हरा-भरा रंगदार और खुशबूदार बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, अमृतसर
देश में स्वच्छता में नंबर वन रैंक हासिल करने के बाद गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी को पहले से भी ज्यादा हरा-भरा, रंगदार और खुशबूदार बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस अभियान के तहत जीएनडीयू में पांच हजार नए पौधे लगाए जा रहे हैं। इनमें कई किस्मों के पौधे शामिल हैं।
पहले चरण में ढाई हजार पौधे जुलाई माह में लगाए गए थे। अब दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए बुधवार को ढाई हजार और पौधे लगाने का शुभारंभ डीन डॉ. हरदीप सिंह व जंगलात विभाग के अधिकारी सुरजीत सिंह सहोता ने किया। सहोता ने बताया कि पंजाब में मौजूदा समय में केवल 6.5 प्रतिशत जगह पर ही पौधे लगे हुए हैं। जबकि जरूरत 33 प्रतिशत जगह पर पौधे लगाने की है। पंजाब सरकार ने पहले चरण में 15 प्रतिशत पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इस काम में सरकार के साथ-साथ लोगों के सहयोग की भी रूरत है।
डॉ. जेएस बिलगा ने बताया कि यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल के साथ करीब पौने दो एकड़ जमीन खाली पड़ी है। इस पर 1700 के करीब पौधे लगाए जाने हैं। इस जगह को हरा-भरा जंगल बनाया जाएगा। इसी तरह रामतीर्थ रोड वाले गेट से लेकर यूआइटी इमारत और मानव संसाधन विकास केंद्र की तरफ से होते हुए सड़क के दोनों तरफ करीब 1600 पौधे लगाए जाएंगे। सेंटर के पार्किंग एरिया को भी पूरी तरह से कवर किया जाएगा। मेरिटोरियस स्कूल और साडा पिड के पास काफी खाली जगह पड़ी है। वहां पर पीपल, बरगद सहित कई फलदार पौधे लगाए जाएंगे। इस जगह पर भी करीब 1500 पौधे लगाने की योजना है।
यह-यह पौधे लगाए जाएंगे
डॉ. जेएस बिलगा ने बताया कि वीसी जसपाल सिंह संधू पर्यावरण प्रेमी हैं। वह खुद ही अलग-अलग किस्मों के पौधों के बारे में उन्हें बताते हैं। योजना के तहत अमलतास, अनार, कुरिशया, हेविकस, जसरोपा, कोशिया, सुखचैन, आम, तुन, मेंहदी, मनु सहित कई और किस्मों के पौधे लगाए जाने हैं। इसके अलावा जोधपुर और देहरादून से भी अलग-अलग किस्मों के पौधे मंगवाए हैं। इनमें दवाइयों वाले, जो प्रजातियां बिल्कुल खत्म हो चुकी या जिनकी संख्या बहुत कम है, वे लगाए जाएंगे। इनमें जंड, वन, करीर, गूगल, सारपगंधा आदि शामिल हैं।